पेट्रोल-डीजल : सरकार कभी सही नहीं थी

राकेश दुबे@प्रतिदिन। सरकार भले ही कुछ भी दलील दे| उसका यह निर्णय गलत है और हमेशा गलत ही कहा जायेगा| इस दलील से सरकार का खजाना तो भर सकता है पर उसका यह फैसला जनोन्मुखी नहीं है| यह तो तब भी नहीं था जब पेट्रोल और डीजल को पूरी तरह नियंत्रण-मुक्त करने की घोषणा की गई थी, इसी फैसले के साथ पेट्रोलियम की खुदरा कीमतों में सबसिडी का लाभ मिलने का अध्याय समाप्त हो गया था।

उपभोक्ताओं को तब सरकार ने दिलासा देते हुए कहा था कि पेट्रोलियम पदार्थों को नियंत्रण-मुक्त करने के फैसले से उन्हें लाभ भी हो सकता है; अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम घटेंगे, तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें भी घटेंगी। लेकिन क्या वाकई पेट्रोलियम को नियंत्रण-मुक्त कर दिया गया है? पेट्रोल-डीजल की कीमतें तेल कंपनियां तय कर रही हैं, या सरकार? सरकार ने एक बार फिर पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया है। यह बढ़ोतरी दो-दो रुपए प्रति लीटर की गई है। पिछले दो महीने में यह तीसरी शुल्क-वृद्धि है। अलबत्ता ताजा बढ़ोतरी का असर पेट्रोल-डीजल के खुदरा दामों पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में एक बार फिर कमी आई है। इस गिरावट के फलस्वरूप, शुल्क-वृद्धि के बावजूद, पेट्रोल-डीजल के दाम यथावत रहे।

सरकार के उत्पाद शुल्क बढ़ाने के पीछे दो तर्क हैं। एक यह कि राजकोषीय घाटा काफी चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है; इससे कम करने के लिए कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत में आई गिरावट एक सुनहरा मौका है। उत्पाद शुल्क बढ़ा कर सरकारी खजाने की सेहत सुधारने के लिए इस अवसर का इस्तेमाल क्यों न किया जाए, जबकि पेट्रोल-डीजल के ग्राहकों को पहले से अधिक भुगतान नहीं करना होगा। लेकिन सवाल है कि फिर विमान र्इंधन के मामले में यही रुख क्यों नहीं अपनाया गया? एटीएफ यानी विमान र्इंधन के दामों में साढ़े बारह फीसद की कमी की गई है। राजकोषीय घाटे की भरपाई का तर्क वहां क्यों नहीं लागू किया गया?

सरकार की दूसरी दलील है कि उत्पाद शुल्क में वृद्धि से जो प्राप्ति होगी उसे ढांचागत कोष में डाला जाएगा, जिसका इस्तेमाल नई सड़कों के निर्माण में होगा। पर ये सड़कें किनके लिए होंगी? ढांचागत विकास के नाम पर हाइवे, एक्सप्रेस वे और फ्लाइओवरों पर ज्यादा से ज्यादा संसाधन झोंके जा रहे हैं, जबकि आम सड़कों का बुरा हाल है।

निवेदन :- “प्रतिदिन” को आपका जो स्नेह मिला, उसके लिए धन्यवाद| अब एक साक्षत्कार का अनियतकालीन स्तम्भ “इस बार” शीघ्र ही प्रारम्भ हो रहा है| आपका स्नेह मिलेगा|

लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क  9425022703
rakeshdubeyrsa@gmail.com


भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!