इंदौर। परीक्षा की तारीख घोषित नहीं करने से नाराज आयुर्वेदिक डॉक्टरों ने बुधवार को पीएससी कार्यालय का घेराव कर नारेबाजी की। डॉक्टरों की भीड़ को देख कार्यालय के मेनगेट पर ताला जड़ दिया गया। बाद में पांच डॉक्टरों का दल अधिकारियों से मिलने पहुंचा। अधिकारियों ने सप्ताहभर में तारीख तय करने की बात कही।
सितंबर 2013 में मप्र लोकसेवा आयोग ने आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के 722 पदों की भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। मई 2014 में परीक्षा हुई, लेकिन पर्चा लीक होने से आयोग ने इसे निरस्त कर दिया। मामला स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को सौंपा गया। आयुर्वेदिक डॉक्टरों के मुताबिक दोबारा परीक्षा करवाने के लिए अक्टूबर-नंवबर में आयोग के अधिकारियों से मिले थे। उन्होंने दिसंबर में परीक्षा करवाने की बात कही। बुधवार दोपहर 12 बजे करीब 70 आयुर्वेदिक डॉक्टर कार्यालय पहुंचे। घेराव को देखते हुए कार्यालय के मेनगेट पर ताला लगा दिया गया। इससे गुस्साए डॉक्टरों ने अधिकारियों को बाहर बुलाने के लिए कहा। आखिर में डॉ. एसडी बार्डे और डॉ. अभय के नेतृत्व में पांच सदस्यों का दल मिलने के लिए भीतर गए। परीक्षा नियंत्रक ने 28 जनवरी तक तारीख घोषित करने का आश्वासन दिया।
यह है नियम
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के नियमानुसार हर दो हजार लोगों पर एक डॉक्टर होना अनिवार्य है। बावजूद इसके आयोग परीक्षा करवाने में देरी कर रहा है, जबकि प्रदेश में करीब 150 पद रिक्त पड़े हैं।
करेंगे भूख हड़ताल
डॉ. बार्डे ने बताया कि परीक्षा निरस्त होने के बाद आयोग ने तीन बार तारीख घोषित करने की बात कही थी। प्रदेशभर के करीब छह हजार डॉक्टर परीक्षा के इंतजार में हैं। अधिकारी स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे हैं। 28 जनवरी तक तारीख घोषित नहीं हुई तो पीएससी कार्यालय के सामने भूख हड़ताल की जाएगी।
फरवरी में संभव
परीक्षा करवाने को लेकर आला अधिकारियों से चर्चा की जाएगी। 28 जनवरी तक तारीख घोषित कर देंगे। संभवतः फरवरी में ही परीक्षा रखी जाएगी।
आरआर कान्हेरे, परीक्षा नियंत्रक, पीएससी
