सरकारी हो या प्राइवेट: हर आफिस में चाहिए महिला उत्पीड़न सेल

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इंदौर। महिला उत्पीड़न सेल गठित करने के निर्देश जारी होने के बावजूद सरकारी और निजी दफ्तरों में इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। दफ्तरों में बोर्ड लगाने और समिति गठित करने के लिए 15 दिन का समय और दिया जा रहा है। इसके बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।

'कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न प्रतिषेध अधिनियम' के तहत हर जिले में सरकारी और प्रायवेट संस्थाओं में आंतरिक परिवाद समिति का गठन जरूरी है. तीन महीनों से लगातार निर्देश दिए जाने के बावजूद इसमें लापरवाही बरती जारी है. महिला सशक्तिकरण विभाग के मुताबिक अब तक इंदौर जिले में 20, धार में 55, झाबुआ में 16, आलीराजपुर में 24, खरगोन में 16, बड़वानी में 29, खंडवा में 20 और बुरहानपुर में 25 ऑफिसों में समितियों का गठन हुआ. उपसंचालक डॉ. मंजुला तिवारी ने बताया कि 30 जनवरी तक दफ्तरों में बोर्ड और समिति नहीं बनी तो हम कलेक्टर को कार्रवाई का प्रस्ताव भेजेंगे. जिस ऑफिस में 10 से ज्यादा कर्मचारी हैं वहां समिति का गठन अनिवार्य है.


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