भोपाल। कोहरे के चलते रेल यात्रियों को वक्त पर खाना भी नहीं मिल रहा है। मिल भी रहा है तो वह अच्छा नहीं है। खाना न मिलने से नाराज हजरत निजामुद्दीन-चेन्नई दूरंतो एक्सप्रेस के यात्रियों ने भोपाल स्टेशन पर जमकर हंगामा किया। इस वजह से ट्रेन करीब 1:30 घंटे तक खड़ी रही। पुलिस व रेल अधिकारियों की समझाइश के बाद यात्री माने।
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन करीब 16 घंटे की देरी से शाम 5:20 भोपाल स्टेशन पहुंची थी। ट्रेन का भोपाल में स्टापेज नहीं है, लेकिन कॉशन आर्डर की वजह से 2 मिनट का स्टाप दिया गया था। गाड़ी जैसे ही स्टेशन से चलकर ओवर ब्रिज के पास पहुंची एक कोच में सवार यात्रियों ने चेन खींचकर ट्रेन को रोक दिया। इनमें ज्यादातर कॉलेज विद्यार्थी थे। उनका कहना था कि ट्रेन भोपाल स्टेशन पर रुकी तो यहां उन्हें खाना क्यों नहीं दिया गया।
दोपहर का खाना उन्हें झांसी में दिया गया था, लेकिन खाना पूरा नहीं था और न ही उसकी क्वालिटी ठीक थी। लिहाजा यात्री भोपाल में खाने की मांग कर रहे थे। इस ट्रेन में खाना इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) देता है। पुलिस व रेल अधिकारियों की समझाइश के बाद भी यात्री मानने को राजी नहीं थे। ट्रेन ओवर ब्रिज के नीचे मेन लाइन (दो प्लेटफार्म के बीच का ट्रैक) पर खड़ी थी। इस वजह से रेल यातायात बंद हो गया था। लिहाजा 6:40 बजे ट्रेन को पीछे की ओर प्लेटफार्म पर लाया गया। यहां भी हंगामा चलता रहा। यात्रियों को इटारसी में खाना देने का वादा कर ट्रेन को 7:05 बजे रवाना कर दिया गया।
हंगामे की सूचना मिलने पर आईआरसीटीसी के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे। इस ट्रेन में खाना इटारसी में देने का नियम है। ट्रेन देरी से चल रही थी, इसलिए दोपहर के खाने का इंतजाम झांसी में किया गया था। ट्रेन में 1800 यात्री सवार थे। यात्रियों ने कहा कि झांसी में उन्हें मीनू के अनुसार खाना नहीं मिला। क्वालिटी भी अच्छी नहीं थी।
क्या है नियम
देरी से चल रही ट्रेनों के यात्रियों को रेलवे खाना और नाश्ता देती है। पिछले साल से यह सुविधा शुरू की गई है। ट्रेन 3 घंटे से ज्यादा देर है तो वक्त-वक्त के अनुसार नाश्ता और खाना दिया जाता है। कोहरे के चलते दिल्ली की ओर से आनी वाली ज्यादातर ट्रेनें देरी से चल रही हैं, लेकिन यात्रियों को तय समय पर खाना नहीं मिल रहा है।
