भोपाल। मध्यप्रदेश के तमाम जिलों में संचालित सहकारी बैंकों में हुए घोटालों के सारे रिकार्ड तोड़ते हुए सीधी का सहकारी बैंक घोटाला अब प्रदेश में नंबर 1 पर आ गया है। इस एक बैंक से 1100 ट्रेक्टर फाइनेंस दिखा दिए गए, जबकि इतने तो पूरे प्रदेश में फाइनेंस नहीं हुए। इतना ही नहीं 167 कर्मचारियों की फर्जी भर्ती कर दी गई। इतना ही नहीं जीप व हाउसिंग फाइनेंस, पदोन्न्ति, शाखा भवनों के निर्माण में अनियमितता जैसे कई और मामले सामने आए हैं।
अपेक्स बैंक स्तर की प्रारंभिक जांच में आरोप पहली नजर में प्रमाणित पाए गए और बैंक के तत्कालीन सीईओ आरकेएस चौहान निलंबित कर दिए गए, अब विस्तृत जांच हो रही है। सूत्रों के मुताबिक बीते तीन साल में सीधी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक ने ताबड़तोड़ फाइनेंस किया। सहकारी क्षेत्र में सामान्यत: शार्ट टर्म फाइनेंस होता है, पर बैंक ने ट्रैक्टर, जीप और हाउसिंग फाइनेंस धड़ल्ले से किया।
सहकारिता विभाग के अफसरों ने बताया कि पूरे प्रदेश में 11 सौ ट्रैक्टर फाइनेंस नहीं हुए पर सीधी बैंक ने इससे ज्यादा फाइनेंस कर दिए। बैंक की जांच में पता चला कि कई ट्रैक्टरों के रजिस्ट्रेशन नंबर तक नहीं है। जिन हितग्राहियों के नाम ये फाइनेंस हुए उनमें से कुछ का अता-पता तक नहीं है।
शार्ट टर्म फाइनेंस का पैसा इसमें लगा दिया गया। अब बैंक की हालत ये है कि अमानतदार पैसा वापस मांग रहे हैं और बैंक के पास देने को रकम नहीं है। वसूली भी यहां बेहद कम हो रही है।
अपेक्स बैंक की प्रारंभिक जांच में 167 कर्मचारियों की नियुक्ति बाउचर पेमेंट पर करने की बात सामने आई है। इन लोगों को अलग-अलग शाखाओं में पदस्थ किया गया था। नियुक्ति के लिए शासन या अपेक्स बैंक से इजाजत तक नहीं ली गई। पदोन्न्ति में भी मनमर्जी चलाई गई। सात शाखाएं बिना अपेक्स बैंक की परमिशन खोल दी गईं। मामले की गंभीरता को देखते हुए सहकारिता मंत्री गोपाल भार्गव ने अपेक्स बैंक प्रबंधन को विस्तृत जांच कराने के निर्देश दिए हैं।
वहीं, बैंक ने सहकारिता विभाग को प्रस्ताव दिया है कि सीधी बैंक का बीते चार साल का विशेष ऑडिट कराया जाए, ताकि अन्य गड़बड़ियों के बारे में भी पता लग सके। उधर, सहकारिता आयुक्त कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि बैंक से प्रस्ताव आया है अफसरों के न्यू ईयर छुट्टी से लौटने के बाद इस बारें में निर्णय लिया जाएगा।
इनका कहना है
शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसके आधार पर जांच कराई गई। इसमें ट्रेक्टर वितरण, बिना अनुमति भर्ती सहित अन्य मामलों में अनयिमितताएं प्रथम दृृष्टया सामने आई हैं। तत्कालीन सीईओ को निलंबित कर दिया है। मामले की जांच बैंक स्तर पर कराई जा रही है। साथ ही विभाग को भी प्रस्ताव दिया गया है।
प्रदीप नीखरा
प्रबंध संचालक, अपेक्स बैंक
