नईदिल्ली। भाजपा में अमित शाह की टीम लगभग बनकर तैयार हो गई है, लेकिन कांग्रेस में अभी राहुल गांधी की हां और ना पर सारा दारोमदार टिका हुआ है। यदि राहुल हां कर देते हैं तो पूरी की पूरी कांग्रेस चेंज हो जाएगी। राहुल की नई कांग्रेस में कई पुराने चेहरे अपनी पहचान बचाने के लिए फाइट करते दिखेंगे, जबकि कई नए चेहरों को मिलेगी नई हाईट।
अगर सोनिया गांधी की कमान रहती है तो पार्टी के मौजूदा लगभग सभी पुराने चेहरे अपनी जगह बने रहेंगे। लेकिन अगर राहुल गांधी अध्यक्ष बनते हैं तो पुराने और बुजुर्ग नेताओं की भूमिका सिर्फ कांग्रेस कार्यसमिति तक सीमित की जा सकती और राहुल की कामकाजी टीम बिल्कुल अलग होगी।
बताया जा रहा है कि पुरानी टीम में से गुलाम नबी आजाद, मुकुल वासनिक, डॉक्टर शकील अहमद, मधुसूदन मिस्त्री और दिग्विजय सिंह की भूमिका बनी रहेगी। राहुल गांधी इनके साथ काम करने में बहुत सहज महसूस करते हैं। इनके अलावा दूसरी-तीसरी पीढ़ी के नेताओं को कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन में जगह दी जाएगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। दीपेंद्र हुड्डा, राजीव सातव, मिलिंद देवड़ा, अशोक तंवर, संदीप दीक्षित, जितिन प्रसाद, सचिन पायलट, रवनीत सिंह बिट्टू आदि ऐसे नेता हैं, जो राष्ट्रीय टीम में बड़ी भूमिका में रहेंगे या प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाएंगे ताकि प्रदेशों में कांग्रेस के संगठन को मजबूत किया जा सके। भाजपा शासित राज्यों के लिए कांग्रेस युवा ओर जुझारू प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहती है। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के प्रदर्शन ने राहुल गांधी को काफी प्रभावित किया है।