उज्जैन। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के गृह क्षेत्र सीहोर में सड़क निर्माण में करोड़ों रुपए की धांधली करने वाले लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री पीजी केलकर को सिंहस्थ कार्य की जिम्मेदारी दी गई है।
शासन ने ईई केलकर को तीन सड़क निर्माण में गड़बड़ी करने पर 85.28 लाख रुपए की वसूली का नोटिस जारी किया है। केलकर पर आरोप है कि उन्होंने सड़क निर्माण में लापरवाही तो की ही साथ बगैर जांच के 2.55 करोड़ों रुपए का भुगतान कर शासन को नुकसान पहुंचाया है।
खास बात है कि जांच में इतनी बड़ी धांधली सामने आने के बाद भी ईई केलकर को सिंहस्थ डिवीजन का कार्यपालन यंत्री बना दिया, जबकि सिंहस्थ के लिए अकेले लोनिवि के पास ही करीब 350 करोड़ से अधिक के काम हैं। इसमें करीब 250 करोड़ की सड़कें बनना है।
ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि करोड़ों रुपए के सिंहस्थ कामों के लिए आखिर क्यों दागदार अधिकारी को शहर में पदस्थ किया गया। वह भी उन अधिकारी को जो मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में ही गड़बड़ी करने का आरोपी हैं। आशंका जताई जा रही है कि सिंहस्थ में भ्रष्टाचार करने के लिए ऐसे अफसरों को नियुक्त किया गया है। मामले में ईनएसी अखिलेश अग्रवाल से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया।
क्यों न आपके वेतन से काटें 85 लाख
ईई केलकर को जारी नोटिस में कहा गया है कि मप्र सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 10 एवं 16 के अंतर्गत आप पर अनुशासनिक कार्रवाई का निर्णय लिया गया है। दो सड़कों में शासन को हुई 2.55 करोड़ की क्षति में से एक तिहाई राशि 85.28 लाख रुपए की वसूली क्यों ने आपके वेतन या स्वत्व से की जाए। नोटिस में केलकर से 15 दिन में जवाब नहीं देने पर एकतरफा कार्रवाई की बात कही गई है।
यह की गड़बड़ी
-सीहोर के अंतर्गत मेन रोड से धामदा मार्ग की सड़क में 15 किमी सड़क बनना बताया गया। जांच में सड़क पर डीएलसी (सीमेंट सड़क के नीचे गिट्टी की परत) का कार्य नहीं किया गया। बावजूद इसके 16 लाख 97 हजार 777 रुपए का भुगतान कर दिया। बगैर डीएलसी के सीसी रोड बना दी और उसका भुगतान भी 97 लाख 54 हजार 809 रुपए कर दिया गया। इस तरह कुल 1 करोड़ 14 लाख 52 हजार 586 रुपए की शासन को क्षति पहुंचाई गई।
-अतरालिया नहर से मंडी मार्ग (4 किमी) तक पूरे मार्ग पर सीसी निर्माण बताया गया। जांच में इस सड़क पर डीएलसी नहीं होना पाया गया। निरीक्षण में 70 प्रतिशत मार्ग खराब पाया गया और सड़क के 50-60 प्रतिशत भाग में क्रेक पाए गए। बिना डीएलसी कराए ही उसका 23 लाख 23 हजार 503 रुपए का भुगतान कर दिया। वहीं सीसी निर्माण कार्य का 1 करोउ़ 18 लाख 10 हजार 425 रुपए का भी भुगतान किया गया। इस तहर कुल 1 करोड़ 41 लाख 33 हजार 928 रुपए की क्षति पहुंचाई।
-सेमरी से खनपुरा रातनपुर मार्ग (4.72 किमी) के निर्माण की गुणवत्ता अत्यंत कम पाई गई। इससे सड़क निर्माण पर खर्च हुई राशि व्यर्थ हो गई। वहीं माप पुस्तिका में अंकित माप भी वास्तविक स्थल अनुसार नहीं है।
इनका कहना
मुझे अभी नोटिस नहीं मिला है। वैसे एक-दो दिन में मिल जाएगी। पीडब्ल्यूडी में ऐसे नोटिस तो आते रहते हैं। (जबकि केलकर को 10 दिसंबर को ही नोटिस जारी हो चुका है, जिसे विशेष वाहक के माध्यम से भिजवाया गया)
पीजी केलेकर, इई, सिंहस्थ डिवीजन
जांच से पहले तैनाती
कार्यपालन यंत्री की कार्यों की जांच में गड़बडि़यां निकली हैं। जांच से पहले ही उनकी पोस्टिंग उज्जैन हो गई थी। हम कार्रवाई कर रहे हैं।
सरताज सिंह, लोनिवि मंत्री