भोपाल। इंद्रपुरी में सांची घी के नाम पर बेचा जा रहा घी नकली था। इस घी में सबसे ज्यादा पाम ऑयल की मात्रा पाई गई है। शुक्रवार को खाद्य एवं औषधि प्रशासन की लैब में इसकी जांच पूरी हुई। घी के नमूने को अमानक मानते हुए एडीएम कोर्ट में मामला पेश किया जाएगा।
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने 23 दिसंबर की रात को इंद्रपुरी स्थित जय अंबे स्टोर पर छापामार कर नकली सांची घी के पैकेज जब्त किए थे। यह पैकेट ऊपर से पूरी तरह सांची घी की तरह नजर आ रहे थे,जिससे आम ग्राहक इसमें फर्क नहीं कर पा रहे थे। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने घी की पहचान के लिए भोपाल सहकारी दुग्ध संघ के अधिकारियों की मदद ली थी, जिन्होंने बताया था कि वह पैकेट सांची घी का नहीं है।
बिल्कुल नहीं मिला फैट
घी में फैट की मात्रा नहीं पाई गई है, जबकि मानकों के अनुसार घी में कम से कम 28 प्रतिशत फैट होना चाहिए। खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने सैंपल रिपोर्ट सामने आने के बाद नकली घी के खिलाफ बड़े पैमाने पर मुहिम चलाने के निर्देश दिए हैं। घी में मिला पाम आइल हालांकि खाने योग्य होता है, लेकिन इसका अधिक सेवन हार्ट के मरीजों के लिए खतरनाक होता है।
इस तरह जांचें असली- नकली की पहचान
इस मामले के सामने आने के बाद ग्राहकों में असली और नकली सांची घी की पहचान को लेकर संशय पैदा हो गया है। यदि ग्राहक सावधानी बरते तो असली और नकली का फर्क पता कर सकते हैं।
ये है असली नकली में फर्क
सांची घी के डिब्बे पर बेच नंबर इंकजेट प्रिंटर से प्रिंट होकर आता है। जबकि नकली घी में पैकेट पर सील लगाकर बैच नंबर लिखा जाता है।
सांची घी के पैकेट पर एगमार्क होता है,जिसका एक सीरियल नंबर होता है। नकली सांची घी में एगमार्क नहीं होता है।
सांची की घी के डिब्बे के अंदर पाउच में घी रखा होता है। इस पाउच पर सांची दुग्ध संघ का नाम प्रिंट होता है। नकली घी के पाउच पर कोई नाम प्रिंट नहीं होता।
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नकली सांची का घी का नमूना अमानक पाया गया है। इसमें घी की जगह केवल पॉम ऑयल मिला था। सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश देकर नकली घी पर कार्रवाई की जाएगी।
प्रमोद शुक्ला
ज्वाइंट कंट्रोलर, खाद्य एवं औषधि प्रशासन