भोपाल। आंनगवाड़ी कार्यकर्ता, होमगार्ड के सैनिक, ग्राम सहायक, रोगी कल्याण समिति के कर्मचारी एवं तमाम संविदा कर्मचारियों सहित मप्र शासन से वेतन प्राप्त कर रहे लगभग 3 लाख कर्मचारी ऐसे हैं, जिनका पीएफ नहीं काटा जाता। जबकि सख्त नियम है कि प्रत्येक कर्मचारी का पीएफ काटा जाना चाहिए। जिसमें 12 प्रतिशत कर्मचारी और 12 प्रतिशत सरकार की ओर से उसके खाते में जमा होना चाहिए।
प्रदेश के सरकारी महकमों में वर्षों से काम कर रहे लाखों कर्मचारियों का प्रोविडेंट फंड नहीं काटे जाने की लगातार शिकायतें मिल रही है। जनता की सुरक्षा में लगे होमगार्ड के 16 हजार सैनिक, 20 हजार से ज्यादा ग्राम सहायक, रोगी कल्याण समितियों के अधीन कार्यरत लैब तथा एक्सरे मशीन टेकनीशियनों, सहकारी सोसाइटियों में कार्यरत कर्मचारियों को भी इससे वंचित रखा गया हैं और इनकी भी संख्या प्रदेश में हजारों की तादात में हैं।
राज्य सरकार के आधा दर्जन से ज्यादा विभागों में संविदा, पार्ट टाइम जॉब, मानदेय और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में काम कर रहे तीन लाख से अधिक कर्मचारियों का प्रोविडेंट फंड (पीएफ) नहीं काटने वाले विभाग के मुखिया की सैलरी अब अटैच करने की तैयारी है।
केन्द्रीय भविष्य निधि संगठन के प्रदेश कमिश्नर अश्विनी गुप्ता ने अधिकांश विभागों के अफसरों को नोटिस जारी करते हुए कर्मचारियों का पीएफ नहीं काटने वाले अफसरों को चेताया है। केन्द्र सरकार के श्रम नियमों के तहत किसी भी सरकारी तथा गैर सरकारी संस्था में पार्ट टाइम अथवा फुल टाइम नौकरी करने वाले कर्मचारी का प्रोविडेंट फंड काटा जाना अनिवार्य है, मगर प्रदेश के सरकारी विभागों में ही इस नियम का उल्लंघन धड़ल्ले से हो रहा है।
जिन कर्मियों का पीएफ नहीं काटा जाता उनमें महिला एवं बाल विकास 40 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा 40 हजार सहायिका, स्कूल शिक्षा विभाग में ऐसे ढाई लाख से अधिक संविदा शाला शिक्षक, प्राध्यापक, गुरूजी, प्रौढ़ शिक्षा अध्यापक शामिल हैं।
स्वास्थ्य विभाग में एनआरएचएम के तहत परियोजना अधिकारी, संविदा कर्मचारी, आशा कार्यकर्ता, एनएम सहित आयुष में भी लगभग 50 हजार कर्मचारी रखे गए हैं, जबकि पंचायत एवं ग्रामीण में पंचायत स्तर पर 50 हजार मेट एवं 23 हजार ग्राम पंचायत सचिव तथा मध्यान्ह भोजन बनाने के लिए लगभग 76 हजार कर्मचारियों को मानदेय पर लगाया है। इसी तरह पुलिस का सहयोगी संगठन होमगार्ड के 16 हजार 305 सैनिकों सहित 350 महिला नगर सैनिक, 20 हजार ग्राम सहायकों के प्रोविडेंट फंड नहीं काटने की शिकायतें मिली हैं।
वेतन का 12 प्रतिशत काटने का प्रावधान
विभिन्न सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थाओं में मानदेय अथवा वेतनभोगी के रूप में रखे गए कर्मचारियों के वेतन से 12 प्रतिशत तथा संस्थान द्वारा स्वयं 12 प्रतिशत राशि पीएफ फण्ड में मिलाने का नियम हैं। उक्त राशि कर्मचारी के रिटायर होने पर अंशदान के रूप में कर्मचारी को वापस मिलती है।