भोपाल| यूं तो मिड-डे मील कार्यक्रम में गड़बड़ी की शिकायतें पूरे प्रदेश से ही आ रहीं हैं परंतु वजनदारों की शिकायतों के चलते मिड-डे मील के 2 प्रोजेक्ट मैनेजर्स को टर्मिनेट कर दिया गया है। इनमें से एक के खिलाफ रिश्वतखोरी की शिकायत थी जबकि दूसरा नौकरी के अयोग्य पाया गया। मजेदार बात यह है कि अयोग्य को नौकरी देने वाले अधिकारी के खिलाफ अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
मिड-डे मील कार्यक्रम से जुड़े दो प्रोजेक्ट मैनेजर को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। प्रोजेक्ट मैनेजर रामेश्वर शिंदे पर स्कूलों और मदरसों की जांच के दौरान समूह संचालकों से रिश्वत मांगने रिश्वत नहीं देने पर ब्लैक लिस्टेड की धमकी देने का आरोप है। वहीं दीपाली निगम पर पात्रता नहीं होते हुए भी प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर काम करने का आरोप लगा है। मिड डे मील कार्यक्रम परिषद के राज्य समन्वयक विभाष कुमार ठाकुर ने जांच के बाद इन आरोपों को सही पाया।