या खुदा, मासूम मान्यता सी मौत दुश्मन को भी ना देना

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भोपाल। दमोह में हुई मासूम मान्यता की दर्दनाक मौत रोंगटे खड़े कर देने वाली है। महज 5 साल की मासूम मान्यता पूरे 43 किलोमीटर तक एक एसयूवी कार में फंसी घिसटती रही, उसका एक एक अंग टूटकर गिरता रहा और कार ड्रायवर तेजी से कार दौड़ाता रहा। इस हृदयविदारक एक्सीडेंट की खबर से मप्र की हर आंख नम होती जा रही है, सब बस यही दुआ कर रहे हैं कि या खुदा, ऐसी मौत तो दुश्मन को भी मत देना।

यह है पूरी कहानी
जबेरा थाना क्षेत्र में मंगलवार की शाम 5 बजे मनीष दुबे की पांच वर्षीय बेटी मान्या महेंद्रा एसयूवी वाहन (एमपी19,सीबी 1001) से टकराकर पहिए से लिपटते हुए पिछले हिस्से और साइलेंसर के बीच फंस गई थी। बच्ची अपने पिता मनीष दुबे के साथ सड़क पार कर रही थी।

आरोपी ड्राइवर ने वाहन रोकने की जगह तेज रफ्तार में और दौड़ा दिया। इस पर बच्ची के पिता और तीन दर्जन ग्रामीणों ने बाइकों से वाहन का पीछा किया, लेकिन आरोप पिटाई के डर से भागता ही चला गया।

इस दौरान करीब 38 किमी दूर बच्ची का सिर कटकर गिर गया। इसके बाद 43 किमी दूर सिहोरा के पास बच्ची का धड़ वाहन से गिरा। फिर भी आरोपी ने वाहन नहीं रोका और पुलिस के जगह-जगह लगे बैरीकेट्स तोड़ते हुए वह भागता चला गया।

अंतत: पुलिस ने घटना स्थल के 65 किमी दूर स्लीमनाबाद में बीच सड़क पर बस और टैंकर आड़ा करके लगाया, जब कहीं आरोपी को पकड़ा जा सका। पुलिस ने आरोपी हेतराम (26) को पकड़कर उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

पुलिस को करनी पड़ी मशक्कत
स्लीमनाबाद पुलिस के अनुसार आरोपी वाहन मैहर निवासी लायंस क्लब पदाधिकारी संगीता बोस का था। घटना के समय आरोपी ड्राइवर ही वाहन में था। घटना के बाद फरार हुए आरोपी को पकड़ने और वाहन रुकवाने के लिए जबेरा पुलिस ने गुबराकला की घटना के तुरंत बाद स्लीमनाबाद पुलिस को सूचित कर दिया था।

वहीं ग्रामीणों ने भी अपने संबंधियों को बच्ची को फंसाकर ले जा रहे वाहन के बारे में जानकारी दे दी थी। इस पर सबसे पहले देवनगर में 50 से अधिक लोगों ने सड़क पर आकर वाहन रोकने की कोशिश की, लेकिन करीब 150 किमी की रफ्तार से दौड़ रही एसयूवी कार नहीं रुकी।

घटना स्थल से 17 किमी दूर निकल चुकी गाड़ी से बच्ची के अंग कट-कटकर गिरने शुरू हो गए थे। मझौली में भी वाहन रोकने का प्रयास हुआ, लेकिन वह नहीं रुका। बच्ची के खून के छींटों से वाहन का पिछला हिस्सा लाल हो चुका था। पोंडा तिराहा पर मझौली से आए फोन के बाद करीब 150 लोग एकत्र होकर वाहन को रोकने का प्रयास करने लगे। यहां एक ट्रक और मैजिक वाहन सड़क पर अड़ा दिया गया, लेकिन यहां से भी आरोपी वाहन लेकर निकलता चला गया। करीब 33 किमी भाग चुके वाहन को सिहोरा में रोकने के लिए बैरीकेटिंग की, लेकिन यहां से भी वाहन भागता चला गया। सिहोरा के पास बच्ची का धड़ वाहन से गिर गया।

बस और टैंकर आड़े लगाया, तब रोकी गाड़ी
यहां भी आरोपी नहीं रुका और बैरीकेट्स तोड़कर भाग गया। कटनी जिले की स्लीमनाबाद पुलिस को सूचना दी गई। इस पर पुलिस ने बीच सड़क पर यात्री बस, टैंकर लगाया और बाकी के हिस्से में बैरीकेटिंग करके वाहन रोकने का पुख्ता इंतजाम किया। आखिरकार अभेद बैरीकेटिंग सामने आने पर आरोपी ड्राइवर हेतराम की हिम्मत जवाब दे गई और उसने वाहन रोक दिया। इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। आक्रोशित भीड़ आरोपी पर झपट पाती, इससे पहले ही पुलिस उसे हिरासत में लेकर चली गई। शव के टुकड़े एकत्र कर सिहोरा अस्पलात ले जाए गए। जहां बुधवार को पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।

पिता बिलखता चिल्लाता रह गया :
पांच साल की मासूम मान्या, जिसे एक खरोंच लगती तो खुद को दर्द होता, लेकिन मनीष के सामने वही फूल सी बच्ची एसयूवी के पहियों के बीच फंसकर जार-जार हो रही थी। बेटी के खून का हर कतरा उसके कलेजे को फाड़ रहा था। बाइक कहां जा रही थी उसे कुछ नहीं दिख रहा था। मन में बस यही था कि कैसे गाड़ी के साइलेंसर और पहिए के बीच फंसी बच्ची को निकाल ले। पास होता तो कूद ही पड़ता, लेकिन फर्राटा भर रही एसयूवी के बराबर पहुंचना भी मुमकिन नहीं था। रोता-बिलखता मनीष कभी किसी को फोन लगाता, तो कभी मदद के लिए हाथ फैलाता। 33 किलोमीटर में हर वक्त ख्याल आया कि काश मान्या बच जाए। कहीं-कोई गाड़ी को रुकवा ले। लेकिन वक्त को शायद कुछ और ही मंजूर था।

पहली बार आई थी दादी के घरः
पांच साल की मान्या अपने पिता मनीष और मां के साथ सागर में रहती थी। उसकी बड़ी बहन गुबराकलां में दादी-दादा के पास रहती है। मंगलवार को मनीष वोट डालने के लिए यहां पत्नी बेबी और मान्या के साथ आया था। लेकिन उसे क्या पता था कि मान्या पांच साल में पहली बार अपने दादी-दादा के घर आकर वापस उनके साथ नहीं जा पाएगी।

''सतना जिले के मैहर का बोस परिवार इंदौर से इलाज कराकर सागर-दमोह मार्ग से एसयूवी कार से वापस लौट रहा था। दमोह के गुबरा कला के पास यह घटना हो गई। बड़ी मुश्किल से वाहन को स्लीमनाबाद में रोककर बोस परिवार को सुरक्षित मैहर भिजवाया गया और आरोपी को हिरासत में लेकर मामला दर्ज किया गया है।''
 बसंत मिश्रा, टीआई स्लीमनाबाद, कटनी

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