ग्वालियर। पिछले 161 साल से कोर्ट कचहरी के पचड़े में पड़ा तानसेन का मकबरा अंतत: आजाद हो ही गया। हाईकोर्ट ने वह याचिका खारिज कर दी जिसमें तानसेन के मकबरे को निजी संपत्ति बताया गया था।
न्यायमूर्ति एमसी गर्ग ने एक आदेश में इन ऐतिहासिक धरोहरों को निजी मानने से इंकार कर दिया। न्यायमूर्ति एमसी गर्ग ने कहा कि याचिकाकर्ता अकबर के समय की सनद न्यायालय में पेश करने में सफल नहीं हो सके। इसलिये उन्हें किसी प्रकार की राहत देना संभव नही हैं, याचिका को बिना वजह दायर किया गया। जबकि याचिकाकर्ता इस बात से भलीभांति परिचित है कि वह इसका स्वामी नही हैं। 1854 से यह मामला चल रहा है। सैय्यद मोहम्मद हसन ने यह मामला दायर किया था। निचली अदालत से लेकर उच्च न्यायालय तक किसी भी न्यायालय ने याचिकाकर्ता को राहत देने से मना किया था।