भोपाल। सरकारें पहले विकास के नाम पर इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव करतीं हैं, सुविधाएं देकर नागरिकों को उनकी लत लगातीं हैं और फिर उन सुविधाओं का मोटा शुल्क वसूलने लगतीं हैं। ग्रामीण नल जल योजना में कुछ ऐसा ही होने जा रहा है। सरकार नल जल योजना के तहत सप्लाई होने वाले पानी की बिलिंग करने जा रही है जो 60 रुपए से 1000 रुपए तक होगी।
ग्रामीण क्षेत्र में परिवारों, संस्थाओं और औद्योगिक क्षेत्रों से हर माह पूरा पैसा वसूलने का ठेका निजी लोगों के पास होगा। जो परिवार नल कनेक्शन नहीं लेंगे और गांवों के चौराहों पर लगे स्टैंड पोस्ट (पानी की टंकी) से पानी भरते हैं तो उनसे भी प्रतिमाह 15 स्र्पए लिया जाएगा।
वर्तमान में नल-जल योजनाओं में ग्राम पंचायतें अपने स्तर पर 20 स्र्पए प्रति परिवार के हिसाब से जल-दर ले रही हैं। नए नियम लागू होने से इसमें 40 स्र्पए प्रति माह प्रति परिवार पर भार आएगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने योजना का प्रारूप प्रकाशित कर 15 जनवरी तक लोगों से आपत्ति और सुझाव मांगे है। प्रारूप के अनुसार संबंधित जनपद सीईओ की अनुशंसा पर हर ग्राम पंचायत में पेयजल उप समिति बनाई जाएगी।
इसमें संबंधित पंचायत के हर वार्ड के लोगों को सदस्य बनाया जाएगा। ग्रामीणों को नल कनेक्शन लेने के लिए 500 स्र्पए शुल्क जमा कराना होगा। बीपीएल परिवारों को 100 रुपए जमा कराने होंगे। पानी बर्बाद करने वाले उपभोक्ताओं से 100 रुपए का जुर्माना वसूला जाएगा। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में यदि कोई थोक में पानी लेना चाहता है तो उसे मीटर के माध्यम से प्रति किलोलीटर की दर से दिया जाएगा। पंचायत क्षेत्रों में सरकारी कार्यालयों को घरेलू दर पर पानी दिया जाएगा। तीन माह तक जल दर जमा न करने वालों के कनेक्शन काट दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने लगाई थी रोक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक माह पहले ही खंडवा नगर पालिका द्वारा शहर में मीटर से जल सप्लाई करने के आदेश जारी करने के बाद इसे लागू करने पर रोक लगा दी थी। भोपाल और इंदौर सहित जिन जिलों में मीटर लग चुके थे, वहां भी इस सिस्टम को बंद करने के आदेश दिए थे। उन्होंने यह भी कहा था कि किसी भी सूरत में लोगों से मीटर-लीटर से वसूली नहीं की जाएगी। इसके बावजूद पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा गांवों को मीटर से पानी देकर उसके बिल की वसूली ठेके पर कराने की तैयारी की जा रही है।
पीपीपी मोड से पहुचाएंगे गांवों तक पानी
जल निगम ने शुरुआत में 19 जिलों के गांवों को मीटर से पानी पहुंचाने की योजना तैयार की है। इसमें इंदौर, उज्जैन, देवास, धार और रायसेन के जिलों में पीपीपी मोड निजी निवेशक को ठेका देकर पानी पहुंचाया जाएगा। शेष जिलों के गांवों में पेयजल सप्लाई के लिए योजना तैयार की जा रही है।
ग्राम पंचायतों की जल दर पर एक नजर
घरेलू कनेक्शन का जलदर प्रतिमाह 60 स्र्पए और कनेक्शन शुल्क 500 स्र्पए।
व्यवसायिक कनेक्शन का जलदर प्रतिमाह 200 स्र्पए और कनेक्शन शुल्क 1500 स्र्पए।
औद्योगिक कनेक्शन प्रतिमाह 1000 स्र्पए और कनेक्शन शुल्क 1000 स्र्पए
स्टैंड पोस्ट उपयोगकर्ता से प्रतिमाह 15 स्र्पए।
नल-जल योजना के नियम बनाने का काम हमारा था हमने बनाकर प्रकाशित कर दिए। 15 जनवरी तक आपत्ति न आने पर इस योजना का आगे क्रियान्वयन पीएचई विभाग का जल निगम ही करेगा। उन्हें ही गांवों तक पानी सप्लाई करना है।
ब्रजेश कुमार
अपर सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग
हम 19 जिलों के गांवों को नल-जल योजना में पानी सप्लाई करने की योजना बनाने जा रहे हैं। इसमें कुछ जिलों को हम पीपीपी मोड पर चलाएंगे। गांवों को हम मीटर से नाप कर पानी देंगे उसी के हिसाब से ग्राम पंचायतों से पैसा भी वसूलेंगे।
एनपी मालवीय
सीईओ जल निगम पीएचई