भोपाल। राजधानी में बेरोजगार इंजीनियरों को नौकरी के सपने दिखाकर जालसाज लाखों रुपए लेकर चंपत हो गया। आरोपी ने किराये के मकान में डेढ़ महीने पहले ही कंसल्टेंसी का ऑफिस खोला था। तीन दर्जन पीड़ितों ने ऐशबाग से ठगी की लिखित शिकायत की है।
सागर निवासी शशांक दुबे ने बताया कि उसने 2012 में भोपाल से ही इंजीनियरिंग की डिग्री की थी। दो साल से नौकरी की तलाश कर रहे शशांक को उसका दोस्त विवेक फौजदार 20 नवंबर को प्रभात पेट्रोल पंप चौराहा स्थित इंद्र प्रस्थ टॉवर में विनायक कंसल्टेंसी के ऑफिस ले गया।
यहां उनकी मुलाकात राजेश उर्फ नीरज कुमार शर्मा से हुई। उन्होंने बताया कि वे उनकी बीना रिफाइनरी में 36 हजार रुपए महीने की नौकरी दिला देंगे, लेकिन इसके लिए 2 लाख रुपए लगेंगे। उनकी बातों में आकर उसने दो किस्त में 25-25 हजार रुपए, विवेक ने 30 हजार रुपए और फब्बद रशिद ने लैपटॉप और 10 हजार रुपए नगद दिए। आरोपी ने उन्हें गंजबासौदा के एक बैंक का चेक भी दिया। शशांक ने बताया कि 1 दिसंबर को जब उसने आरोपी को फोन किया, तो वह बंद आया।
उसके कहने पर जब विवेक ऑफिस पहुंचा, तो वहां ताला लगा हुआ था। शशांक ने बताया कि आरोपी ने नाम बदलकर डेढ़ महीने पहले ही मकान किराए पर लेकर ऑफिस खोला था। आरोपी बिना किराया दिए मकान मालिक से किराया नामा लेकर चपंत हो गया। आरोपी सागर का ही बताया जाता है। उसकी पत्नी एक सरकारी अस्पताल में नर्स है। शशांक ने बताया कि करीब 30 बेरोजगारों ने उसके यहां रजिस्ट्रेशन के नाम पर 500 से 1000 रुपए तक दिए थे। ऐशबाग पुलिस ने शिकायत आवेदन लेकर आरोपी की तलाश शुरू कर दी हैं।