पढ़िए इन मंत्रियों का सामान्य ज्ञान, आप शर्तिया माथा पीट लेंगे

भोपाल। यूं तो नेता को अंग्रेजी में लीडर कहा जाता है। लीडर अर्थात वो ​जो लीड करे, नेतृत्व करे, जिसके पास ज्ञान हो, कम से कम सामान्य ज्ञान तो हो परंतु मप्र शासन में कुछ मंत्री ऐसे हैं जिनके ज्ञान के बारे में आप सुनेंगे तो माथा पीट लेंगे। हाय राम शिवराज के नाम पर ये किस किस को वोट दे डाला।

मामला बीती शाम मप्र के कैलाश सत्यार्थी को मिले नोबेल पुरस्कार का है। चूंकि सत्यार्थी मप्र से हैं अत: टीवी चैनल वाले मंत्रियों और विधायकों से इस बारे में उनकी प्रतिक्रियाएं पूछ रहे थे। आप खुद पढ़िए मप्र के 2 माननीय मंत्री और कुछ विधायकों ने टीवी कैमरों के सामने क्या प्रतिक्रिया दी।

हमारे साथी कैलाश विजयर्गीय को नोबेल अवार्ड मिलना गर्व की बात है।
कुसुम महदेले कैबिनेट मंत्री

हमारी पार्टी में ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिनको ऐसा सम्मान मिलना चाहिए।
ज्ञान सिंह, आदिमजाति मंत्री

कैलाश विजयवर्गीय को दिल्ली और भोपाल में एक ही पार्टी की सरकार होने का फायदा मिला है। नोबेल लायक उनका कोई काम नहीं है।
सत्यप्रकाश विधायक बसपा

कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर में किए गए कामों के लिए नोबेल समिति ने सम्मानित किया है।
दिलीप सिंह परिहार, भाजपा के विधायक

विजयवर्गीय ने सामाजिक क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है इसलिए उन्‍हें नोबल प्राइज मिला है।
रणजीत सिंह गुणगान, विधायक


दरअसल इन नेताओं को यह तक नहीं पता कि नोबेल प्राइज किसे मिले। वो बचपन बचाओ आंदोलन के कैलाश सत्यार्थी हैं या केबीनेट मंत्री कैलाश विजयर्गीय। ये माननीय नेतागण जिसके जीवन के आदर्श माना जाता है यह तक नहीं जानते कि कैलाश विजयर्गीय और कैलाश सत्यार्थी में फर्क क्या है।

हे राम, मेरे मप्र को बचाना।

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