भोपाल। लोकसभा चुनावों के दौरान जिन मेडीकल कॉलेजों को लेकर राजनीति हुई थी और सिंधिया व कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान पर हमले किए थे, केन्द्र में मोदी सरकार बनने के बाद शिवराज प्रशासन ने बदला लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। दोनों सांसदों को नीचा दिखाने के लिए उनके मेडीकल कॉलेज रद्द करा 2 नए मेडीकल कॉलेज प्रस्तावित कर दिए गए हैं।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के इलाके में अब मेडिकल कॉलेज नहीं खुल पाएंगे। छिंदवाड़ा और शिवपुरी में खुलने वाले मेडिकल कॉलेज दलगत राजनीति की भेंट चढ़ गए। केन्द्र से मंजूरी मिलने के बावजूद राज्य सरकार ने दोनों जिलों के स्थान पर सतना और सिवनी में मेडिकल कॉलेज खोलने का एमओयू तैयार कर केन्द्र सरकार को भेज दिया है।
राज्य सरकार के इस कदम की भनक लगते ही पूर्व केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया सक्रिय हो गए और उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात कर आपत्ति जताई है।
वहीं इस मामले में राज्य सरकार का तर्क है कि उन्होंने केन्द्र को जो मूल प्रस्ताव भेजा था, उसमें सतना और सिवनी जिले शामिल थे लेकिन तत्कालीन यूपीए सरकार ने अपने दो नेताओं कमलनाथ और सिंधिया को उपकृत करने के लिए सतना और सिवनी जिले का नाम काटकर छिंदवाड़ा और शिवपुरी का नाम जोड़ कर प्रदेश के 7 जिलों के लिए मेडिकल कॉलेज खोलने की मंजूरी दी थी।
यही वजह है कि अब फिर से राज्य सरकार ने मूल प्रस्ताव के अनुसार छिंदवाड़ा-शिवपुरी की जगह सतना-सिवनी सहित विदिशा, रतलाम, शहडोल, खंडवा और दतिया में मेडिकल कॉलेज का एमओयू तैयार कर केन्द्र को भेजा गया है।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में भी छिंदवाड़ा-शिवपुरी में मेडिकल कॉलेज खोलने को लेकर काफी राजनीतिक बयानबाजी हुई थी। जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की केन्द्र से मंजूरी मिलने के बाद कांग्रेस के पूर्व मंत्री कमलनाथ और सिंधिया को इसका फायदा भी मिला।
मूल प्रस्ताव में नहीं था दतिया
राज्य सरकार मूल प्रस्ताव की बात कहकर छिंदवाड़ा-शिवपुरी जिले का नाम हटाने की बात कह रही है, लेकिन वह यह नहीं बता पा रही है कि आखिर दतिया का नाम कहां से आ गया। क्योंकि राज्य सरकार ने जो मूल प्रस्ताव भेजा था उसमें विदिशा, रतलाम, शहडोल, खंडवा, सतना, सिवनी और देवास जिले का नाम था, लेकिन केन्द्र ने सतना-सिवनी के प्रस्ताव को अमान्य कर छिंदवाड़ा-शिवपुरी का नाम जोड़ दिया। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने सक्रिय होकर देवास का नाम कटवाकर अपने विधानसभा क्षेत्र दतिया का नाम शामिल करवा लिया।
300 बेड का अस्पताल 100 सीट का होगा मेडिकल कॉलेज
प्रदेश के सात जिलों में से सतना-सिवनी सहित, खंडवा और दतिया में 300 बेड का अस्पताल और 100 सीटर मेडिकल कॉलेज बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की लागत प्रति मेडिकल कॉलेज 189 करोड़ होगी। इसके लिए केन्द्र सरकार 146.75 और राज्य सरकार 41.25 करोड़ लगाएगी।
वहीं विदिशा, रतलाम और शहडोल में राज्य सरकार 400 बेड का अस्पताल और 150 सीटर मेडिकल कॉलेज बनाएगी। पीपीपी मोड पर बनने वाले इन मेडिकल कॉलेजों की ऑफसेट प्राईज सड़क विकास निगम ने 400 करोड़ बताई है। हालांकि केन्द्र सरकार प्रति मेडिकल कॉलेज 146.75 करोड़ स्र्पए ही देगी। शेष राशि राज्य सरकार निजी निवेशक को तीन साल में 6-6 माह की किश्त पर देगी।
इनका कहना है
हमारे मूल प्रस्ताव में सतना और सिवनी जिले शामिल थे। केन्द्र सरकार ने उनकी जगह छिंदवाड़ा-शिवपुरी जिले के नाम अपने स्तर पर जोड़ दिए। इसलिए हमने अपने मूल प्रस्ताव के अनुसार ही सातों मेडिकल कॉलेजों के एमओयू बनाकर केन्द्र को भेज दिए हैं। इसमें दलगत राजनीति वाली कोई बात नहीं है।
डॉ. नरोत्तम मिश्रा
स्वास्थ्य मंत्री