नईदिल्ली। पाकिस्तान ने जब भारत के दो सैनिकों हेमराज और सुधाकर सिंह का सिर काट दिया था, तब विपक्ष में रही भाजपा ने खासा हंगामा किया था।
सुषमा स्वराज ने अपने भाषण में संसद में कहा था कि भारत को एक के बदले 10 सिर लाने चाहिए. नरेंद्र मोदी ने इसे अपने चुनावी भाषणों में उठाया था. एक रैली में उन्होंने कहा था, ‘जब पाकिस्तान हमारे सैनिकों का सिर काट रहे थे, तब हम उनके पीएम को चिकन बिरयानी खिला रहे थे।
सरकार में साहस नहीं है.’ अब सरकार में बैठी भाजपा ने उस वक्त की यूपीए सरकार की बातों और कार्रवाई को ही सही ठहराया है. सुप्रीम कोर्ट में सरकार की ओर से दाखिल एक हलफनामे में सरकार ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और विदेश मंत्री सलमान खुरशीद के बयानों को ही दोहरा दिया है। इतना ही नहीं उसने यूपीए की कार्रवाई को कठोर भी बता दिया है।
दिल्ली से प्रकाशित होने वाले एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक विदेश मंत्रालय की ओर से दायर इस हलफनामे में सरकार ने कहा है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को एक कठोर चेतावनी जारी की थी जिसके बाद पाक डीजीएमओ ने भरोसा दिलाया था कि पाक सेना को युद्धविराम का सम्मान करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
सरकार हलफनामे में कहती है, ‘15 जनवरी 2013 को भारत के प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान कठोर चेतावनी जारी की थी कि नियंत्रण रेखा पर भारतीय जवानों की हत्या और निर्दयता से उनका सिर काटे जाने के बाद हालात सामान्य नहीं रह सकते. जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं उन्हें सजा मिलनी चाहिए.’
सर्व मित्तर की ओर से दायर एक जनिहत याचिका के जवाब में सरकार ने यह हलफनामा दाखिल किया है. इस याचिका में जवानों की हत्या पर सरकार के कार्रवाई न करने पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट से दखल देने की अपील की है. सरकार का रु ख है कि इस तरह किसी देश के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जनिहत याचिका दायर नहीं की जा सकती.