बीमार आदिवासियों का इलाज के नाम पर धर्मांतरण: छापा मार कर रुकवाया

भोपाल। भले ही लोकसभा में धर्मांतरण को लेकर हंगामा हो रहा हो, हिन्दू संगठनों पर हमले किए जा रहे हों, सरकार पर साम्प्रदायिकता का आरोप लग रहा हो और अल्पसंख्यकों को असुरक्षित बताया जा रहा हो परंतु जमीनी हकीकत यह है कि ईसाई मिशनरियों इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। उनके धर्मांतरण का मिशन लगातार जारी है।

मप्र के रतलाम की चंगाई सभा में चमत्कार के माध्यम से बीमारियों को ठीक करने और नौकरी दिलाने जैसे लालच देकर आदिवासियों को धर्मान्तरित कर इसाई बनाने का मामला आज सामने आया। पेन्टीकोस्टल चर्च के लोग आदिवासी क्षेत्रों से आए महिला पुरुषों का धर्मपरिवर्तन करने का प्रयास कर रहे थे, जिसे प्रशासन और पुलिस की टीम ने रुकवाया।

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प्राप्त जानकारी के अनुसार पावर हाउस रोड स्थित लायन्स हाल में पेन्टीकोस्टल चर्च की क्रिश्चियन काउन्सिल द्वारा 11 व 12 दिसम्बर को कथित तौर पर आध्यात्मिक सभा का आयोजन किया जा रहा था। इस सभा में बाजना और सैलाना के आदिवासी अंचलों के अनेक अनपढ आदिवासी महिला पुरुषों को लालच देकर लाया गया था।

कार्यक्रम में आए आदिवासियों को चमत्कार से बीमारी ठीक करने, सुख समृध्दि तथा नौकरी दिलाने जैसे लालच देकर लाया गया था। उनके भोजन और रात्रिविश्राम की व्यवस्था भी क्रिश्चियन सोसायटी द्वारा की गई थी। यह आयोजन क्रिश्चियन काउन्सिल के सचिव पास्टर जोस मैथ्यू द्वारा आयोजित किया गया था और इसमें प्रवचन देने के लिए केरल से ब्रदर थामस और भोपाल से जोय एम थामस व उन्नी एमए को वक्ता के रुप में बुलाया गया था।

इस आयोजन की जानकारी जब हिन्दूवादी कार्यकर्ताओं को लगी तो उन्होने मौके पर पंहुचकर पुलिस व प्रशासन को इसकी जानकारी दी। जानकारी मिलते ही एसडीएम अवधेश शर्मा ,सीएसपी पीएस राणावत,टीआई स्टेशन रोड राजेश सिंह चौहान आदि मौके पर पंहुच गए।

क्रिश्चियन सोसायटी की कथित आध्यात्मिक सभा में भाग ले रहे आदिवासी महिला पुरुषो ने मीडीयाकर्मियों को बताया कि उन्हे बीमारी ठीक करने का भरोसा दिलाकर यहां लाया गया है। उनके भोजन और रहने की व्यवस्था भी आयोजकों ने ही की थी। आदिवासी महिला पुरुषों ने बताया कि प्रवचनकर्ताओं का कहना था कि केवल प्रभू यीशु ही उनका उध्दार कर सकता है उनके पुराने धर्म के देवी देवता उध्दार नहीं कर सकते।

मौके पर पंहुचे पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने कथित आध्यात्मिक सभा में भाग ले रहे आदिवासी महिला पुरुषों के बयान भी लिए है। एसडीएम अवधेश शर्मा ने मौके पर मौजूद मीडीयाकर्मियों से चर्चा करते हुए कहा कि जिला प्रशासन को इस आशय की शिकायत मिली थी कि लायंस हाल पर धर्मपरिवर्तन करने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रारंभिक तौर पर यह पता चला है कि आयोजकों ने उक्त आयोजन के लिए कोई अनुमति नहीं ली थी। आयोजकों ने शाम के समय की अनुमति ली थी लेकिन दोपहर के समय आयोजन किया जा रहा था। इसके लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। श्री शर्मा ने कहा कि धर्मपरिवर्तन के आरोपों की जांच की जा रही है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी।

इधर क्रिश्चियन सोसायटी की कथित आध्यात्मिक सभा में शामिल एक युवक सुनील चौहान ने पुलिस को लिखित शिकायत देकर कहा है कि उसे नौकरी दिलाने का लालच देकर यहां बुलाया गया था और उस पर इसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव डाला जा रहा था।

घटना के बाद पुलिस ने सभा में भाग ले रहे आदिवासी महिला पुरुषों को वहां से रवाना कर दिया। इधर हिन्दू जागरण मंच ने कहा है कि धर्मपरिवर्तन पर कानूनन रोक है,इसके बावजूद इसाई मिशनरीज द्वारा भोले भाले आदिवासियों को प्रलोभन देकर उनका धर्मपरिवर्तन किया जा रहा है। इनके विरुध्द तत्काल आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कडी से कडी कार्यवाही की जाना चाहिए।

हिन्दू जागरण मंच की ओर से कहा गया है कि पुलिस द्वारा मामले की प्रारंभिक जांच के बाद उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया गया है। इसलिए हिन्दू जागरण मंच शनिवार को पुलिस की कार्यवाही का इंतजार करेगा और यदि आरोपियों के विरुध्द प्रकरण दर्ज नहीं किया गया तो हिन्दू जागरण मंच बैठक कर आगामी कार्यवाही के बारे में निर्णय लेगा।

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