मुंबई। महाराष्ट्र में एक जनवरी से सूचना अधिकार कानून के तहत जानकारियां पाने के आवेदन ऑनलाइन भी किए जा सकेंगे। राज्य सरकार ने यह फैसला आज विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन किया। फड़नवीस सरकार ने सूचना अधिकार कानून का इस्तेमाल आसान करने के लिए यह कदम उठाया है।
राज्य सचिवालय में इसकी शुरुआत नए वर्ष की शुरुआत यानी एक जनवरी, 2015 से ही हो जाएगी। जबकि पूरे राज्य के सरकारी कार्यालयों में एक अप्रैल से इसे शुरू कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री फड़नवीस के अनुसार लोगों को ऑनलाइन आरटीआई आवेदन करने की सुविधा प्रदान कर सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि मांगी गई सूचनाएं एक निश्चित समयावधि में ही लोगों को प्राप्त हों। यदि ये सूचनाएं नहीं प्राप्त हो रही हैं तो यह पता किया जा सके कि कौन सा अधिकारी या कर्मचारी सूचनाएं देने में देर कर कर रहा है। ताकि उस पर उचित कार्रवाई की जा सके।
राज्य के सूचना अधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा सरकार के इस निर्णय की प्रशंसा की जा रही है। मुंबई के सूचना अधिकार कार्यकर्ता अनिल गलगली कहते हैं कि ऑनलाइन सूचना आवेदन सूविधा शुरू करने की प्रक्रिया इस वर्ष के मई-जून महीने में ही पूरी कर ली गई थी। लेकिन पिछली सरकार कुछ कारणों से इसकी शुरुआत नहीं करना चाहती थी। गलगली कहते हैं कि राज्य सरकार को दूसरी अपील में लंबित 90,000 से अधिक सूचना आवेदनों का निपटारा भी शीघ्र करना चाहिए। पूर्व केंद्रीय मुख्य सूचना आयुक्त शैलेष गांधी कहते हैं कि सरकार को सिर्फ आॉनलाइन आवेदन की सूविधा देने तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। बल्कि इन आवेदनों का एक विभाग से दूसरे विभाग में हस्तांतरण भी ऑनलाइन शुरू करना चाहिए। क्योंकि इस प्रक्रिया में कई बार महीनों लग जाते हैं।
सरकार में सूचना प्रोद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव राजेश अग्रवाल बताते हैं कि राष्ट्रीय सूचना आयुक्त कार्यालय से प्राप्त सॉफ्टवेयर को स्थानीय भाषा एवं जरूरतों के मुताबिक संशोधित करके महाराष्ट्र का आईटी विभाग यह काम कर रहा है। चूंकि मुख्यमंत्री ने एक जनवरी से राज्य सचिवालय में इसे शुरू करने की मंसा जताई है, इसलिए विभाग तब तक यह लक्ष्य पूरा करने की कोशिश में जुटा है। अग्रवाल को उम्मीद है कि प्रक्रिया ऑनलाइन होने के बाद ऐसे पढ़े-लिखे लोग भी आरटीआई का इस्तेमाल करना शुरू करेंगे, जो कागजी उलझन के कारण अब तक इससे बचना चाहते थे।