दिल्ली में प्रॉपर्टी के दाम 40% तक नीचे

shailendra gupta
रवि तेजा शर्मा | नई दिल्ली। अगर आप दिल्ली में घर खरीदने की सोच रहे हैं तो यह बेहतरीन समय हो सकता है। साउथ दिल्ली के पॉश इलाके में प्रॉपर्टीज के सेकेंडरी मार्केट प्राइसेज पिछले एक साल में 25-30 फीसदी घटे हैं, क्योंकि इनवेंटरी बढ़ने और पैसे की जरूरतों के कारण कई इनवेस्टर्स जल्दबाजी में डील करना चाहते हैं।

ब्रोकर्स का कहना है कि पीक प्राइसेज के मुकाबले तो कीमतें 40 फीसदी तक घट गई हैं। प्रॉपर्टी ब्रोकर्स और कंसल्टेंट्स का कहना है कि मार्केट में इस समय कई ऐसी डील्स हैं, जिसमें सेलर्स तुरंत प्रॉपर्टी बेचना चाहते हैं।

रियल एस्टेट कंसल्टेंसी जेएलएल इंडिया के सीईओ (ऑपरेशंस) संतोष कुमार का कहना है, 'अभी इनवेस्टर्स प्रॉपर्टी बेचने को बेताब हैं, क्योंकि उन्हें दूसरे काम के लिए पैसों की जरूरत है। ऐसे लोग कम प्रॉफिट पर भी प्रॉपर्टी बेचने को तैयार हैं।' एक हालिया डील में दिल्ली के पॉश वेस्ट इंड एरिया में 1,200 स्क्वेयर यार्ड में बना एक अपार्टमेंट 13 करोड़ रुपये में बिका। एक साल पहले सेलर्स इस प्रॉपर्टी के लिए 17-18 करोड़ रुपये मांग रहे थे। अच्छे समय में यह प्रॉपर्टी करीब 22 करोड़ रुपये में बिकती।

इसी तरह, एक बिल्डर ने नीति बाग में एक फ्लोर करीब 13-14 करोड़ रुपये में बेचा है, जबकि करीब 10 महीने पहले वह इस फ्लोर के लिए 18-19 करोड़ रुपये मांग रहा था। छह महीने पहले एक परिवार हौज खास में 1,200 स्क्वेयर यार्ड के एक प्लॉट के लिए 60 करोड़ रुपये मांग रहा था, जबकि अभी यह प्लॉट 45 करोड़ रुपये में भी नहीं बिक रहा है। साउथ दिल्ली के एक ब्रोकर ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, 'मौजूदा समय में प्रत्येक बिल्डर के पास अनसोल्ड इनवेंटरी है। इनमें से कई बिल्डर इस इनवेंटरी को ज्यादा समय तक नहीं रख सकते हैं, क्योंकि उन्हें कैश की सख्त जरूरत है।'

दिल्ली बेस्ड बिल्डर उप्पल के जनरल मैनेजर (लग्जरी हाउसिंग) एम के मिनोचा ने बताया, 'मार्केट में करेक्शन आया है, क्योंकि बायर्स खरीदारी से जुड़ा फैसला लेने में समय ले रहे हैं। बायर्स अब भी इंतजार कर रहे हैं।' गुड़गांव के फेज 1 एरिया में एक सेकेंड फ्लोर अपार्टमेंट एंड यूजर को 1.72 करोड़ रुपये में मिला है, जबकि कुछ समय पहले सेलर 2.25 करोड़ रुपये मांग रहा था। ब्रोकर्स का कहना है कि चितरंजन पार्क जैसे इलाके में भी जो अपार्टमेंट पहले 2.4 करोड़ रुपये में था, अब 1.8 करोड़ रुपये में मिल रहा है। बढ़ती इनवेंटरी से दाम कम हुए हैं। सर्किल रेट बढ़ाने से जुड़े सरकार के हालिया फैसले का भी सेल्स पर असर पड़ा है। फिलहाल, बायर्स फायदे वाली स्थिति में हैं और वह अपने मुताबिक पेमेंट टर्म के लिए मोलभाव कर रहे हैं। जेएलएल इंडिया के कुमार का कहना है कि कई बायर्स, इनवेस्टर्स और करेक्शन का इंतजार कर रहे हैं।
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