भोपाल। हाल ही में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के नसबंदी शिविर में 17 महिलाओं की मौत से पूरा देश हिल गया था. इस घटना का असर डॉक्टरों पर भी दिख रहा है. मध्य प्रदेश के चिकित्सक अधिकारी संघ ने शिविरों में आवश्यक सुविधाओं के अभाव में नसबंदी ऑपरेशन न करने का फैसला लिया है.
संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय खरे ने बताया कि नसबंदी शिविरों में आवश्यक सुविधाएं जरूरी हैं, यह सुविधाएं उपलब्ध कराना विभाग की जिम्मेदारी है, अगर यह सुविधाएं शिविर में नहीं मिलती है तो चिकित्सक ऑपरेशन नहीं करेंगे. यह निर्णय संघ की बैठक में लिया गया है. डॉ. खरे ने बताया कि नसबंदी शिविर में ठीक ऑपरेशन थिएटर जैसी सुविधाएं होनी चाहिए, मसलन तीन लेप्रेस्कोपी मशीन, सर्जन और एनेस्थेसिया विशेषज्ञ. यह सुविधाएं होने पर ही डॉक्टर नसबंदी ऑपरेशन करेगा.
मालूम हो कि सभी राज्यों के स्वास्थ्य विभागों ने हर जिले के लिए नसबंदी ऑपरेशन का लक्ष्य तय कर रखा है, इसके चलते शिविरों में भारी अव्यवस्था के बीच ऑपरेशन होते हैं. इसका नमूना छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में देखने को मिला है। वहां के नसबंदी शिविर में हुई लापरवाही के चलते 17 से ज्यादा महिलाओं की मौत हो गई थी और चिकित्सक को जेल भी जाना पड़ा.