प.विकास शर्मा@प्रसंगवश। पिछले दिनों स्मृति ईरानी के राजस्थान में एक ज्योतिषी से मिलने पर बवाल मचा। विपक्ष के नेताओं ने उन पर अंधविश्वासी होने और एक मंत्री के एक ज्योतिषी से मिलने पर काफी शोरगुल किया।
मुझे बहुत आश्चर्य हुआ कि जब मैंने कुछ लोगों के कमेंटस इस विषय में देखें जिन्होंने विपरीत लिखा। सोचने की बात है कि हम लोग एक प्राचीन एवम् वैदिक विषय को भी राजनीतिक रोटियां सेंकने के काम लेते हैं। एक मंत्री इसलिए आया होगा कि एक ज्योतिषी ने ये भविष्यवाणी की कि तुम्हें भविष्य में राजयोग मिलेगा और ऐसा हुआ भी। किन किन प्रसिद्ध लोगों पर आप प्रश्न उठायेंगे? राजस्थान के ज्योतिष विद्वानों की शरण में आने वाले कुछ सेलिब्रिटी को मैं जानता हूँ।
अमिताभ बच्चन जब कर्जे में डूबे हुए थे राजस्थान के सम्मानीय गुरूवर श्री केदार जी की सेवायें उन्होंने ली। उनके द्वारा एक सामान्य नीलम उन्हें पहनाया गया और कर्जे से बाहर आने के बाद वही बच्चन साब जयपुर आकर कृतज्ञता पूर्वक केदार जी से मिलकर गए और अपना नीलम उन्होंने एक बेहतरीन नीलम से बदलवाया। जो बच्चन साब का उपकार ज्योतिष ने किया वो तो जगविदित है।
उनके बाद अजय देवगन भी आज उन्हीं से ज्योतिष सेवा ले रहे है। बहुत सी फिल्मों में आप उन्हें पुखराज और मूंगा धारण किए हुए देख सकते हैं। सचिन तेंदुलकर के बारे में भी ये अत्याधुनिक लोग आरोप लगा सकते हैं। ज्योतिष से उनका बङा गहरा नाता है। फिर स्मृति ईरानी पर ही प्रश्न क्यों उठाया जाता है? क्योंकि इससे आपको अपना उल्लु सीधा करने मौका मिलता है।
ऐसी भी क्या राजनैतिक महत्वाकांक्षा कि हमें अपनी जडो पर भी प्रहार करना पडे,कोई धर्म ऐसा नहीं है जो ज्योतिष को काम में नहीं लाता। इसे सांप्रदायिक भी तो नहीं सिद्ध किया जा सकता क्योंकि इसमें भृगु संहिता भी है तो लाल किताब भी हैं तो एस्ट्रो वर्ल्ड भी है। हम सब जानते है कि इस तरह से ज्योतिष को अछूत सिद्ध करने की कोशिश करने वाले नेतागण भी कभी न कभी ज्योतिषी के आगे हाथ पसार चुके हैं।
ज्योतिष भी भारतीय संस्कृति का एक अंग है, जिस धर्म में सात फेरे लिए जाते हैं उसी में भविष्य कथन भी किया जाता है। फिर तो आपको इस सात फेरे लेने की परंपरा को भी मानने से गुरेज करना चाहिए।
कुछेक पंरपरायें ऐसी है जो हमारे भीतर अंदर तक समायी हुई है जिनमें विवाह प्रथा, ज्योतिष आदि है। वृद्धावस्था में मां बाप को बेसहारा छोङ देने का रोना रोने वालों, आपने भी तो भारतीय संस्कृति, स यता, भाषा, ज्योतिष आदि को बेसहारा छोड दिया, जबकि आज इन्हें आपके सहारे की सबसे ज्यादा जरूरत है। माता पिता और देश की सेवा का दंभ भरने वालों, मामुली से स्वार्थ के लिए उन पूर्वजों की खिलाफत न करो जिन्होंने हमें सिखाया कि मां बाप और देश की सेवा करनी चाहिए।
साइंस केवल 300 वर्ष पुरानी है। और हिन्दू धर्म का ज्योतिष शास्त्र लाखो वर्ष पुराना है विज्ञान को मंगल ग्रह का कुछ वर्षो पूर्व ही ज्ञात हुआ है हमारे ज्योतिष शास्त्र ने मंगल ग्रह नही बल्कि नो ग्रहो को और इनकी चलो को लाखो वर्ष ही पूर्व ही ज्ञात कर लिया और हिन्दू धर्म के कई शास्त्रो में इन ग्रहो की चाल और कलर गुणो का उल्लेख मिलता है।
ज्योतिष शास्त्र के जन्मदाता पाराशर ऋषि है। जिनका ज्ञान आज के वैज्ञानिक से कही अधिक उच्च कोटि का था । जिस प्रकार एक करोड़ पहलवान मिलकर हनुमान जी जैसे शक्तिशाली नही हो सकते, उसी प्रकार कई विज्ञानिक मिलकर पाराशर ऋषि नही हो सकते ।
ज्योतिष विद्या हिन्दू धर्मं की प्राचीन विद्या है । विज्ञान के चमत्कार आये दिन दिखाई देते है विज्ञान ने टेलीविजन और सेटेलाइट के माध्यम से पूरे विश्व को जोड़ दिया यह विज्ञानं की बड़ी उप्लब्धि है लेकिन पूरे ब्रमाण्ड को जोडऩे वाले ग्रहो में इतने जीव जीवन और मृत्यु को प्राप्त होकर कहा चले जाते है ये आज भी विज्ञान की सोच से बाहर है। इस पर विज्ञान कोई भी ठोस जबाव नही दे सकता है।
परन्तु इस में ज्योतिष को अंधविश्वास कहने वालो को जानकारी दे दूं कि हमारे हिन्दू धर्म के ग्रंथ जो हजारो साल पूर्व ही अस्त्वि में थे और उनमें गीता और गरुड़ पुराण में मनुष्य के जीवन के कर्म और जीवन मृत्यु के बारे में पूर्व से ही लिखा जा चूका है। कि मृत्यू की बाद जीव या मनुष्य कहा जाते है और उनके साथ क्या होता है। पुनर्जन्म कब और क्यों होता है ये केवल हिन्दू धर्म के सहित्य में लिखा गया है। और मरकर जिंदा हुए लोगो ने यमराज और यमलोक के बारे में उल्लेख किया है।
ज्योतिष का उपहास या मजाक पूर्णत गलत है । ये हिन्दू संस्कृति पर एक तीखा बार है । यदि कोई राजनेता या बड़ा व्यापारी अपने जीवन में चल रही ग्रहो की चाल के बारे में जानना चाहता है और कोई भी ज्योतिषी उसको उसके जीवन के बारे में बताता है तो इसमें शोरगुल मचाने वाली कोई बात नही है । इस विषय पर ऊँगली उठाना मतलब हिन्दू धर्म का उपहास करना होगा। क्यो कि प्रतिदिन लाखो व्यक्ति ज्योतिषों के पास अपने ग्रहो को दिखवाने जाते है।
जबकि ज्योतिष हिन्दू धर्म शास्त्र का ही एक अंग है । ज्योतिष शास्त्र को देखने वाला ज्योतिषी गलत हो सकता है। लेकिन ज्योतिष शास्त्र कही भी गलत नही है । देश के कई बड़ी घटनाओ के बारे में पूर्व में जो भी भविष्यबानी हुई है वो 100 प्रतिसत सत्य सिद्ध हुई है । इतने बड़े शाश्त्र का मजाक बनाना पूर्णत गलत होगा।
ज्योतिष को अंधविश्वास कहने वाले जरा अपना ज्ञान को बढाए। विज्ञान और अंग्रेजी को एंडवास कहने वाले अंग्रेजी कलैंडर में आज 2014 चल रहा है और हमारी हिन्दू संस्कृति में नवसंवत्सर 2071 चल रहा है और इस कलैंडर की गणना हमार नवग्रहों के राजा सूर्यदेव की चाल से ही की जाती है।
वर्ष 2001 अक्टूबर में उत्तर भारत के प्रसिद्ध अखबार में अंको के आधार पर विश्व कुंडली दर्शाते हुए यह भविष्यवाणी की थी की अमेरिका पर शनि की साढ़े साती चल रहा है जो 6 जनवरी 2000 से प्रार भ हुई है जो अमेरिका के लिए नुक्सान दायक है । इसी अवधि में अमेरिका के ट्रेड सेंटर पर हमला हुआ।