नितिन ठाकुर/इछावर। जनपद पंचायत इछावर के अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पालखेडी में आरक्षण लागू है। यह पंचायत अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित की गई है और आश्चर्यजनक यह है कि पूरी पंचायत में अनुसूचित जनजाति का एक भी मतदाता नहीं है, बस एक अध्यापक है जो मूलत: मण्डला का रहने वाला है परंतु नौकरी इस पंचायत के स्कूल में कर रहा है। गांव की वोटर लिस्ट में उसका नाम भी है। बस इसी का लाभ उन्हें मिलेगा और उनकी पत्नि निर्विरोध सरपंच नियुक्त हो जाएगी।
चुनाव आयोग की आरक्षण प्रक्रिया के अन्तर्गत ग्राम पंचायत पालखेडी का आरक्षण अनुसूचित जनजाती के लिए कर दिया गया है इस ग्राम पंचायत के तहत तीन गांव पालखेडी जांगडाखेडी अतरालिया आते है यहां के रहवासियों का कहना है कि पंचायत की आरक्षण प्रक्रिया हमारे क्षेत्र के रहवासियों के लिए दुखदायक साबित होने वाली है मात्र एक शिक्षक भानूसिहं जो मंडला का निवासी है वो ब्लाक मुख्यालय इछावर में निवास करता है और वो जोगडाखेडी की शासकीय प्राथमिक शाला में अध्यापक है।
आरोप है कि उसका नाम पालखेडी की मतदाता में फर्जी तरीके से डाला गया और अब वही शख्स अपनी पत्नी को चुनाव लडाने की तैयारी में है क्योकिं यहां इसके अलावा कोई आदिवासी परिवार सरकारी रिकार्ड में दर्ज नही है।
हमारी मतदाताओं से बातचीत हुई तो उन्होने बताया कि आरक्षण प्रक्रिया में सरकारी कर्मचारियों की मनमानी चली है इसी वजह से रामनगर पंचायत लगातार तीसरी बार अनारक्षित एंव दौलतपुर पंचायत लगातार तीसरी बार पिछडा वर्ग के लिए घोषित की गई है।
जब इस विषय पर निर्वाचन अधिकारी रविसिहं से बात और मुलाकात करने का प्रयास किया गया तो वे इछावर के बजाए सीहोर में अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रहे थे।