भोपाल। डीजल के दाम तो पहले ही गिर चुके हैं अब मप्र सरकार ने स्कूल बसों का टैक्स 12 रुपए प्रतिसीट माफ कर दिया है। इस तरह स्कूल बस की एक सीट पर कम से कम 25 रुपए कम करने ग्राउंड तैयार हो गया है।
विधानसभा में मप्र मोटरयान कराधान (संशोधन) विधेयक 2014 पर चर्चा का जवाब देते हुए परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बनने वाले परिवहन विभाग के सभी भवनों में ड्राइविंग एवं टेस्टिंग ट्रेक बनाना अनिवार्य किया जाएगा।
मंत्री के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से संशोधन विधेयक को पारित कर दिया। परिवहन मंत्री ने बताया कि प्रदेश में चलने वाली एसी बसों को भी कर में छूट दी गई है, बसों पर टैक्स अब 230 से घटाकर 180 कर दिया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाले ऑटो एवं मैक्सी केब के परमिट पर पांच साल के लिए 7 प्रतिशत से घटाकर 1 फीसद कर दिया है। बड़े शहरों से लगे गांवों तक बीआरटीएस बसों ले जाने का परमिट दिया जाएगा। हेलमेट के बारे में अब डीलर के स्तर पर भी कड़ाई से पालन किया जाएगा।
बाइक पर टैक्स बढ़ाने का विरोध
मंत्री ने कहा कि दिल्ली की घटना से सबक लेते हुए सरकार ने मप्र में चलने वाली सभी तरह की टैक्सियों में जीपीएस लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। ड्राइवरों का भी पुलिस वेरिफिकेशन कराया जाएगा। वाहनों की हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट बनवाने के लिए नए सिरे से प्रक्रिया चल रही है। शिकायतों के बाद पुरानी कंपनी का टेंडर निरस्त कर दिया गया है।
संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए रामनिवास रावत ने मोटर साइकल पर टैक्स बढ़ाने की आलोचना की। उन्होंने कहा कि पड़ौसी राज्यों में वाहनों की पंजीयन दर कम है। भाजपा के रामेश्वर शर्मा ने शहर से लगे गांवों तक बीआरटीएस बसें चलाने का सुझाव दिया। चर्चा में शैलेन्द्र जैन ने भी भाग लिया।
7 संशोधन विधेयक हुए पारित
विधानसभा में गुरुवार को सदन ने मप्र मोटरयान कराधान (संशोधन) विधेयक सहित 7 विभिन्ना संशोधन विधेयक पारित किए। इनमें
मध्यप्रदेश दुकान तथा स्थापना(संशोधन) विधेयक 2014,
मप्र औद्योगिक नियोजन(स्थायी आदेश) संशोधन विधेयक 2014,
रजिस्ट्रीकरण(मप्र संशोधन) विधेयक 2014, मप्र वेट(द्वितीय संशोधन) विधेयक एवं
मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज(संशोधन) विधेयक पारित किए गए।