भोपाल। प्रदेश में मंदिरों के रखरखाव के लिए नई नीति बनेगी। इसके लिए मंदिरों से लगी जमीन और बैंकों में जमा मंदिरों की रकम का डाटा बेस तैयार किया जा रहा है। इसके आधार पर सभी पक्षों से चर्चा करके नीति बनाई जाएगी।
ये बात धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री यशोधराराजे सिंधिया ने विधानसभा में बताई। उन्होंने स्वीकार किया कि नीति आने में अभी वक्त लगेगा। सुवासरा विधायक हरदीप सिंह डंग ने प्रश्नकाल में अपने क्षेत्र के मंदिरों के जीर्णोद्धार, मंदिर से लगी भूमि और बैंक में जमा मंदिर की रकम का मामला उठाया था।
धर्मस्व मंत्री यशोधराराजे सिंधिया ने बताया कि हर विधानसभा क्षेत्र में मंदिर है। इनमें दो से लेकर छह एकड़ तक जमीन लगी हुई है। ये अभी पंडित के अधीन है। मंदिर में जो चढ़ावा आता है वो पंडित ही रखते हैं। भूमि को नीलाम करने से जो राशि प्राप्त होती है वो बैंक में जमा की जाती है।
मंदिरों से लगी भूमि और बैंकों में जमा रकम के बारे में डाटा बेस तैयार किया जा रहा है। मंदिरों के लिए 2008 में बनी नीति चली आ रही है। नई नीति लाने की कवायद हो रही है पर इसमें वक्त लगेगा। सभी पक्षों के विचार लेने होंगे। सुवासरा में मंंदिरों के पास ढाई हजार हेक्टेयर भूमि है और खाते में करीब 90 लाख रुपए जमा हैं।