अपने अटलजी और महामना को मिलेगा भारत रत्न!

नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसम्बर को जिस समय महामना की कर्मस्थली बीएचयू के कार्यक्रम में भाग ले रहे होंगे, लगभग उसी वक्त दिल्ली में भारत सरकार महामना को भारतरत्न देने की घोषणा कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक इसकी अधिसूचना जारी करने की तैयारी है।

1861 में इसी दिन महामना का जन्म प्रयाग में हुआ था और उन्होंने काशी को अपनी कर्मस्थली बनाया। संयोग यह भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म तारीख भी यही है। मिले संकेत के अनुसार महामना के साथ अटलजी को भी भारत रत्न का एलान हो सकता है।

पीएम एक दिन के दौरे पर काशी आ रहे हैं। हालांकि पहला कार्यक्रम अस्सी घाट पर सफाई व्यवस्था देखने से जुड़ा है, लेकिन इसके बाद सबसे ज्यादा समय सवा घंटे वह बीएचयू में देंगे। स्वतंत्रता भवन के लिए पीएम के अब तक के तय कार्यक्रम के अनुसार वह अंतरविश्वविद्यालयीय शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र की आधारशिला रखेंगे। इसके साथ अन्य कई कार्यक्रम जुड़ने की संभावना जताई जा रही है।

जानकारों के अनुसार पीएम यहां से महामना मदनमोहन मालवीय को भारत रत्न देने पर विश्वविद्यालय परिवार समेत पूरे देश को बधाई दे सकते हैं। वह महामना पर सिक्का जारी करने के साथ ही आजादी का शंखनाद करने वाला शंख महामना के पौत्र गिरिधर मालवीय से ग्रहण कर सकते हैं। गिरिधर मालवीय के पिता पं. गोविंद मालवीय ने संसद के सेंट्रल हाल में 1947 में शंख बजाकर आजादी का शंखनाद किया था जिसे मालवीय परिवार ने सहेज कर रखा है।

इसके अलावा स्वतंत्रता भवन में संस्कृति उत्सव के आयोजन की भी संभावना है। इस मौके पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा की उपस्थिति भी अहम होगी। जो महामना की जयंती पर ताजमहल, लालकिला सहित देशभर के सभी ऐतिहासिक स्थलों में छात्रों का प्रवेश नि:शुल्क करने की घोषणा कर सकते हैं।

भारतरत्न पानेवाले 44वीं शख्सियत होंगे महामना
देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान अबतक 43 लोगों को मिल चुका है। 25 दिसम्बर को यदि घोषणा हो जाती है तो महामना मदन मोहन मालवीय यह सम्मान पानेवाले 44वें व्यक्ति होंगे। भारतरत्न देने की व्यवस्था दो जनवरी 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने की थी। उस समय केवल जीवित व्यक्ति को यह सम्मान दिया जाता था लेकिन 1955 में मरणोपरांत भी सम्मान देने का प्रावधान जोड़ दिया गया। 2013 में पहली बार खेल के क्षेत्र में नाम कमानेवालों को भी भारतरत्न देने का निर्णय हुआ और इसी कड़ी में क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को चुना गया। सचिन के साथ इसी वर्ष वैज्ञानिक सीएनआर राव को भी भारतरत्न दिया गया।

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