भोपाल। राजस्थान के बांसवाड़ा में एक रोजवेड कर्मचारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस कर्मचारी ने एमपी बोर्ड की फर्जी मार्कशीट लगाई थी। सेटिंग इतनी धांसू थी कि पुलिस बेरिफिकेशन भी क्लीयर हो गया था, लेकिन जब एमपी बोर्ड से पूछताछ की गई तो खुलासा हो गया। आरोपी का कहना है कि उसने यह फर्जी मार्कशीट एमपी बोर्ड के ही एक अधिकारी से खरीदी थी।
बांसवाड़ा राजस्थान के थाना प्रभारी गोपीचंद मीणा ने बताया कि भरतपुर जिले के अटलबंध हाल भरतपुर आगार के प्रबंधक नवल सिंह ने जनवरी 2013 में आरोपी रोडवेज के परिचालक धौलपुर जिले के कालेरा थाना क्षेत्र पीपहेरा निवासी विश्वभंर पुत्र तेजसिंह त्यागी के खिलाफ फर्जी दस्तावेज लगाकर बांसवाड़ा से नौकरी प्राप्त करने के आरोप में प्रकरण दर्ज कराया। पुलिस अनुसंधान में पता चला कि आरोपित की टीसी एवं अन्य दस्तावेजों में उत्तीर्ण था। जब मध्यप्रदेश बोर्ड से दस्तावेजों की जांच करवाई गई तो सब फर्जी पाए गए। इस पर आरोपी को भरतपुर से गिरफ्तार करने की कार्रवाई की गई।
1985 से नौकरी
सीआई गोपीचंद ने बताया कि आरोपित के फर्जी दस्तावेजों की जानकारी 19 जुलाई, 2011 को मिली। आगार के अधिकारियों ने जब विभागीय जांच करवाई तो आरोपी दोषी पाया गया। वर्ष 1985 में बांसवाड़ा से नौकरी प्राप्त करने वाले आरोपी के खिलाफ कालेर थाने में प्रकरण दर्ज कराया गया। चूंकि आरोपी ने नौकरी बांसवाड़ा से प्राप्त की थी इसलिए एफआईआर बांसवाड़ा कोतवाली भेजी गई है।