दिव्या राजगोपाल, मुंबई। क्या आमिर खान की नई फिल्म 'पीके' से आपकी 'हिंदू' भावनाओं को ठेस पहुंची है या रामगोपाल वर्मा के भगवान गणेश से जुड़े प्रश्नों से आप आहत हुए थे? जिनकी भावनाएं आहत हुई जा रही हैं, उनके दिलों पर कानूनी मरहम लगाने के लिए हिंदू लीगल सेल बन चुका है। इसे देशभर के 100 से ज्यादा वकीलों ने छह महीने पहले लॉन्च किया था। यह संगठन 'हिंदू मानवाधिकारों' के लिए लड़ने के साथ ही आस्था के खिलाफ किसी भी अनादर से निपटेगा।
सेल के सेक्रेटरी और मैनेजमेंट के साथ लॉ डिग्री रखने वाले प्रशांत पटेल (27) ने कहा, 'हमारा धर्म खतरे में है और भारत में धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हर कोई हिंदुओं को छोड़कर अन्य धर्मों का संरक्षण करना चाहता है। भारत में कुछ लोग भारतीय संस्कृति के खिलाफ बोलते हैं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर बच निकलते हैं, लेकिन इस स्वतंत्रता का इस्तेमाल अच्छी बातें करने के लिए होना चाहिए, अन्य लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचाने के लिए नहीं।'
पॉलिटिकल कमेंटेटर और ऑल इंडिया सेक्युलर फोरम के मेंबर राम पुनियानी मानते हैं कि बीजेपी की अगुवाई वाली मोदी सरकार के सत्ता में आने के साथ हिंदू लीगल सेल जैसे संगठनों का उभरना चिंता बढ़ाने वाला ट्रेंड है। वकीलों का यह संगठन भी इसी दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि संतुलित सोच की बात करने वालों को निशाना बनाया जाएगा और इससे हिंदू धर्मांधता का प्रचार होगा।
इस सेल ने हाल में आमिर खान और 'पीके' के निर्माताओं के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए एक मामला दर्ज कराया था। इस फिल्म में एक एलियन की नजर से हर धर्म को देखा गया है और अंधभक्ति का मजाक उड़ाया गया है। सेल ने फिल्ममेकर रामगोपाल वर्मा के गणेश चतुर्थी मनाने के औचित्य को लेकर किए गए ट्वीट्स को लेकर वर्मा के खिलाफ भी एक मामला दर्ज कराया था।
पटेल और उनकी टीम का मानना है कि हिंदुत्व की वजह से ही खान और वर्मा जैसे लोगों को हिंदू नर्म नजर आते हैं और वे इसका फायदा उठा रहे हैं। उन्होंने केवल हिंदू देवी-देवताओं की नग्न पेंटिंग्स बनाने पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या खान के पास अन्य धर्मों के प्रचलनों को चुनौती देने का दम है। पटेल ने कहा, 'हम आक्रामक नहीं हैं और हम अपने हित के लिए संविधान का इस्तेमाल कर रहे हैं। लोगों को यह संदेश मिलना चाहिए कि किसी भी देवी, देवता का अनादर नहीं किया जाना चाहिए।'
हिंदू लीगल सेल की वर्किंग कमिटी के मेंबर अजय पाल नागर ने कहा कि अन्य धर्मों के पास लॉबी हैं और हिंदू धर्म के पास भी ऐसी एक होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कि पिछली यूपीए सरकार हिंदुओं के मुद्दों को लेकर ज्यादा खुला रवैया नहीं रखती थी, लेकिन मौजूदा सरकार इसे लेकर सजग है।
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