भोपाल। स्कूल शिक्षा मंत्री पारस जैन ने माना कि प्रदेश के 45 हजार से अधिक स्कूलों में अब भी टॉयलेट नहीं हैं, 19 हजार स्कूलों में टॉयलेट बनाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि जल्दी ही प्रदेश में 39 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। शिक्षा का स्तर सुधारने 5 एवं 8 वीं में बोर्ड परीक्षा लागू किए जाने के प्रयास चल रहे हैं।
शिक्षा मंत्री जैन ने पत्रकारों को विभागीय कामकाज का ब्यौरा देते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश की सभी स्कूलों में टॉयलेट बनवाने की मुहिम चलाई जा रही है। इसके लिए सांसदों से उनकी निधि से डेढ़ करोड़ और विधायकों से 40 लाख रुपए की मांग की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी इसमें अपनी निधि से सहयोग देने का आग्रह किया है।
उनसे जब पूछा गया कि विभाग ने तो सुप्रीम कोर्ट में जानकारी दे दी है कि सभी स्कूलों में टॉयलेट बना दिए गए हैं तो उन्हें कहा कि दो साल पहले कोर्ट में यह जवाब दिया गया था कि अभी टॉयलेट बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पेशावर (पाकिस्तान) में स्कूल पर हमले की घटना से सबक लेकर हम भी सुरक्षा के उपाय कर रहे हैं। हालांकि इस योजना का ब्यौरा उनके पास नहीं था।
ड्रेस-पुस्तकों का नहीं होगा दबाव
जैन ने यह जानकारी भी दी कि अभी 42 हजार 88 संविदा शिक्षकों की भर्ती की जा चुकी है जल्दी ही 39 हजार की भर्ती की जाएगी। जब उनसे पूछा गया कि प्रायवेट स्कूलों में अभिभावकों को स्कूल से या उनके द्वारा बताई गई दुकानों से ही पुस्तक व ड्रेस खरीदे जाने के दबाव पर सरकार क्या कर रही है तो मंत्री ने कहा कि देवास में हमने मॉडल जिले के तौर पर व्यवस्था बनाई है।
देवास कलेक्टर ने सख्ती से यह व्यवस्था लागू कराई है और वहां किसी भी प्रायवेट स्कूल प्रबंधन द्वारा अभिभावकों से ड्रेस या पुस्तक नियत स्थान से ही खरीदने का दबाव नहीं डाला जाता। यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में भी लागू होगी।
सुधारेंगे स्कूलों का स्तर
उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूलों के स्तर को बेहतर बनाने के लिए पांचवीं और आठवीं कक्षा को बोर्ड परीक्षा में शामिल करने का विचार चल रहा है। सरकारी स्कूलों में आईएएस, आईपीएस, आईएफएस अफसरों व मंत्रियों के बच्चे पढ़ाई क्यों नहीं करते?
इस सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरे बच्चे तो इन्हीं स्कूलों में पढ़े हैं, दूसरों के बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता और न ही उनके लिए ऐसे नियम बनाए जा सकते। लेकिन पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने पर हम काम कर रहे हैं। एक सवाल के जवाब में जैन ने बताया कि गीता का एक अध्याय अभी पाठ्यक्रम में शामिल है और नैतिक शिक्षा से संबंधित ऐसे विषयों को सम्मलित किया जाता रहेगा।
शामिल है गीता का पाठ
स्कूलों में गीता पढ़ाने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि एक बच्चों को एक पाठ पढ़ाया जा रहा है, योग व गीता के संबंध जब और प्रश्न होने लगे तो मंत्री ने सवाल को टाल दिया। उन्होंने बताया कि स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने इंदौर में एंड्रायड मोबाइल पर उपस्थिति का प्रयोग किया गया है।
इस व्यवस्था को आगामी सत्र तक पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। शासकीय स्कूलों, पंजीकृत मदरसों एवं संस्कृत विद्यालयों में 1 से 12 वीं तक के बच्चों को मुफ्त पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही हैं। 87 लाख बच्चों को दो जोड़ी गणवेश के लिए 400 रुपए के मान से एकाउंट पेयी चैक दिए गए हैं। 7 लाख 27 हजार बच्चों को साइकलें दी गईं। स्कूलों में 23 सितंबर 14 से जनसुनवाई शुरू की गई है, अब तक 944 मामलों का निराकरण किया गया।