अमन कालोनी में फसाद: 39 मकानों में लगाई आग, हवाई फायर, कई घायल

भोपाल। भोपाल की अमन कालोनी में फसाद हो गया। यह फसाद शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच हुआ और फसाद की जड़ थी एक सरकारी जमीन पर कब्जा। 500 से ज्यादा शियाओं ने सुन्नियों के घरों पर हमला बोल दिया। करीब 39 घरों में आ लगा दी। 6 घर पूरी तरह से राख हो गए। सड़कों पर खड़े तमाम वाहन फूंक दिए गए और यह सबकुछ हुआ पुलिस की मौजूदगी में। बाद में पुलिस ने हवाई फायर किए एवं आंसू गैस के गोले छोड़े परंतु हमलावरों ने अपना टारगेट अचीव करने के बाद ही इलाके को खाली किया।

खाली जमीन पर इमामबाड़ा बनाना चाहते हैं ईरानी
10 महीने पहले ही अमन कॉलोनी में शिया (ईरानी) समुदाय के कुछ लोगों ने अपने मकान बनाए थे। इस क्षेत्र में आफताब मस्जिद के पास पड़ी खाली जमीन पर वे लोग कब्जा कर इमामबाड़ा बनाना चाहते हैं। सुन्नी समुदाय इसका विरोध कर रहा है।

बुधवार रात 9:30 बजे पथराव के बाद फोर्स तैनात
ईरानी और सुन्नी समुदाय के लोग आमने-सामने हो गए। रात में दोनों पक्षों के बीच मारपीट आैर पथराव हुआ। पुलिस ने दोनों पक्षों को खदेड़कर मामला शांत कराया था। कालोनी में फोर्स तैनात कर दिया गया। ईरानी समुदाय के लोग भी रातभर जागकर पहरा देते रहे।

घरों में घुस गए हमलावर
सुन्नी समुदाय के लोग लाठी-डंडे, हथियार एवं पेट्रोल लेकर अमन कॉलोनी पहुंचे और चारों ओर से रास्ते बंद कर दिए। घरों में घुसकर हमला शुरू कर दिया। खूनी संघर्ष करीब एक घंटे से अधिक समय तक चला।

मकान जलते रहे, फायर ब्रिगेड नहीं पहुंचने दी
हालात इस कदर बेकाबू हो गए कि आग बुझाने पहुंची फायर ब्रिगेड को भी उपद्रवियों ने कॉलोनी के भीतर नहीं जाने दिया। फायर ब्रिगेड की गाड़ियों पर ही पथराव कर दिया।

पुलिस के सामने ही पथराव और तोड़फोड़
पुलिसकर्मी उग्र भीड़ को काबू नहीं कर पा रहे थे। पुलिस कंट्रोल रूम और आसपास के थानों से फोर्स पहुंचाई गई। भारी संख्या में पुलिस फोर्स पहुंचने के बाद भी उपद्रवी पथराव और तोड़फोड़ करते रहे।

भीड़ काबू नहीं हुई तो पुलिस ने एक दर्जन हवाई फायर किए। 40 से ज्यादा आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया।

500 से ज्यादा पर केस दर्ज, 20 उपद्रवी हिरासत में
देर रात निशातपुरा पुलिस ने 500 से ज्यादा उपद्रवियों के खिलाफ बलवा, मारपीट, आगजनी व तोड़फोड़ के अलग-अलग छह प्रकरण दर्ज कर लिए हैं। रात 11.30 बजे तक पुलिस ने 20 उपद्रवियों को हिरासत में ले लिया है। एहतियातन अमन कॉलोनी में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी व अफसर तैनात हैं।

महिलाओं से मारपीट, गहने छीने
उपद्रवियों ने महिलाओं से भी मारपीट की। पीड़ितों का आरोप है कि उपद्रवियों ने महिलाओं के गहने और अन्य सामान भी लूट लिया। कई परिवार घर छोड़कर भाग गए।

पुलिस रात में ही एक्शन लेती तो नहीं होता उपद्रव
ईरानियों व सुन्नियों के खूनी संघर्ष में राजधानी पुलिस का रवैया फिर लचर साबित हुआ है। यदि बुधवार रात को हुए संघर्ष के बाद ही पुलिस सतर्क हो जाती तो शायद कई घर उजड़ने से बच जाते। पुलिस ने पूरे मामले को गंभीरता से नहीं लिया। यहां तक कि उसका खुफिया तंत्र भी पूरी तरह नाकाम साबित हुआ।

बुधवार को रात में वहां कुछ पुलिसकर्मी और अधिकारी तैनात तो थे, लेकिन उन्हें इस बात की भनक तक नहीं लगी कि सुन्नी समुदाय के लोग ईरानियों पर हमले की तैयारी कर रहे हैं। पुलिस की इसी सुस्ती का लाभ उठाकर उपद्रवी एक-एक कर जुटते गए और 500 लोगों की भीड़ गुरुवार सुबह 9 बजे डंडे व तलवार लेकर सड़कों पर उतर आई। उसी कॉलोनी में पुलिस की मौजूदगी के बावजूद हमलावरों ने कॉलोनी की घेराबंदी की और फिर घरों में आग लगा दी।

सबकुछ उजड़ा, अब कैंप करेगा प्रशासन
करीब तीन दर्जन घर उजड़ने के बाद पुलिस और प्रशासन जागे। अधिकारियों ने घटनास्थल के पास कैंप कर लिया है। यहां पूरे इलाके में हैलोजन की रोशनी की गई है। क्यूआईटी और आरएएफ के अलावा जिला पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर जमे हुए हैं।

हर घर के सामने जली हुई बाइक, घर में रखा सारा सामान राख का ढेर  
अमन कॉलोनी में उपद्रव के बाद यहां गलियों में सन्नाटा है। कमोबेश हर दूसरे घर के आंगन में एक बाइक जली हुई है। घर के भीतर झांकने पर पता चलता है कि घर का सारा सामान अब राख में तब्दील हो चुका है। मकानों की खिड़कियों के कांच और किचन में सामान बिखरा पड़ा है। दोपहर दो बजे कलेक्टर यहां दौरे पर पहुंचे तो पीड़ित उनसे यह कहते रहे कि उनका सबकुछ तबाह हो गया है। अमन कॉलोनी में रहने वाले आबिद भाई ने बताया कि उपद्रवियों ने उनके घर का सामान भी लूट लिया।

बचाव की मुद्रा में आए अफसर
यह सही है कि उस वक्त इलाके में पुलिस बल तैनात था लेकिन उपद्रवियों ने संगठित होकर वारदात को अंजाम दिया। यदि पुलिसकर्मी वहां नहीं होते तो हालात और खराब हो सकते थे। पुलिस ने उपद्रवियों पर लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले छोड़े। उपद्रवियों की संख्या के अनुपात में सरकारी अमला कम था। इसलिए हालात बिगड़े।
निशांत वरवड़े, कलेक्टर

पुलिस के मुकाबले उपद्रवी बहुत ज्यादा थे। विवाद दोबारा शुरू होने का पता चलते ही फोर्स पहुंच गया और हालात काबू में आ गए। हमने कम समय में अच्छा रिएक्शन दिया है। चूक तो हुई ही नहीं। उपद्रवियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
डी. श्रीनिवास वर्मा, डीआईजी

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