धर्मांतरण पर प्रति​बंध को तैयार मोदी सरकार

नई दिल्ली। व्यक्तिगत आस्था और धर्म की आंच पर गुरुवार को लोकसभा में सभी राजनीतिक दलों ने सियासी रोटी सेंकी। लेकिन धर्मांतरण पर हुई तीखी बहस ने नया मोड़ ले लिया जब सरकार ने धर्मांतरण पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के इरादे जाहिर किए।

धर्मांतरण पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के लिए सभी राज्यों के साथ एक केंद्रीय कानून बनाने का भी सुझाव दिया। वहीं, दो दिनों सेचर्चा कराने को जमीन-आसमान एक करने वाले विपक्षी दलों ने सरकार का जवाब भी नहीं सुना और कांग्रेस, वाम, तृणमूल, सपा व अन्य छोटे दल सदन से बहिर्गमन कर गए।

आगरा के धर्मांतरण विवाद के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए विपक्ष ने लोकसभा में बहस की मांग की। विपक्षी सांसदों का कहना था कि मोदी सरकार के आने के बाद देश में सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं बढ़ी हैं और कुछ लोग जबरन धर्मांतरण कराने की कोशिश कर रहे हैं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अनुपस्थिति में विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए संसदीय मामलों के मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने सिलसिलेवार तरीके से विपक्ष के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि सरकार देश में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार के खिलाफ धर्मांतरण को लेकर दुष्प्रचार किया जा रहा है।

विदेशी फंडिंग से धर्मांतरण की छूट नहीं
वेंकैया ने कहा, धर्मांतरण और पुन: धर्मांतरण बहुत गंभीर मुद्दा है। इसका राजनीति के लिए इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। मोदी सरकार के विकास के एजेंडे पर जोर देते हुए वेंकैया ने कहा संविधान ने सभी को अपना-अपना धर्म मानने की छूट दी है। धर्म की आजादी का अर्थ विदेशी फंडिंग के सहारे देश में धर्मांतरण की छूट देना नहीं है।

विपक्ष के निशाने पर संघ
विपक्ष ने धर्मांतरण से ज्यादा भाजपा व संघ परिवार के कथित एजेंडे को निशाने पर रखा। विपक्षी नेताओं ने संस्कृत अनिवार्य बनाने, ज्योतिषी के पास मंत्री के जाने, भाजपा सरकार बनने के बाद सांप्रदायिक तनाव बढऩे और धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर सत्ता पक्ष को घेरा। खासतौर से संघ परिवार को अपने हमले के केंद्र में रखा। कांग्रेस से मल्लिकार्जुन खडग़े, ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा सपा अध्यक्ष मुलायम, माकपा से मो. सलीम, एनसीपी से तारिक अनवर समेत डेढ़ दर्जन सांसदों ने सरकार पर हमला बोला।

संघ से जुड़े होने पर गर्व
वेंकैया ने स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, सरदार पटेल जैसे महापुरुषों के धर्मांतरण के खिलाफ दिए गए वक्तव्यों का उल्लेख करते हुए इस पर रोक नहीं लगाने के लिए कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया। इसके साथ ही उन्होंने पूरे विवाद में आरएसएस को घसीटने के लिए भी विपक्ष पर जोरदार हमला किया। साथ ही कहा कि वह संघ से जुड़े होने पर गर्व महसूस करते हैं। इस पर विपक्ष ने जोरदार विरोध किया और बहिर्गमन कर गए।

गोडसे पर भड़की राज्यसभा

नई दिल्ली। महाराष्ट्र की किसी संस्था की ओर से महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की स्मृति में शौर्य दिवस मनाए जाने की सरकार और विपक्ष ने भत्र्सना की है। बृहस्पतिवार को राज्यसभा में इस मुद्दे पर हंगामे के बाद संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि महात्मा गांधी देश के सपूत थे। उनका हत्यारा किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं हो सकता है। यह और बात है कि भाजपा नेता साक्षी महाराज ने गोडसे को देशभक्त करार देकर मामला भड़का दिया। नेतृत्व से फटकार के बाद उन्होंने यह कहकर पलटी मार ली कि उन्होने भूलवश वह बात कही थी। बृहस्पतिवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष गोडसे के मुद्दे पर उग्र था। इस क्रम में दो बार कार्यवाही स्थगित भी हुई।

मुस्लिम परिवार पर पांच और ईसाई पर दो लाख खर्च!
अलीगढ़। अलीगढ़ में 25 दिसंबर को होने वाले धर्मांतरण कार्यक्रम को लेकर बंटे धर्म जागरण समिति के कुछ पर्चों में प्रत्येक मुस्लिम परिवार पर 5 लाख और ईसाई परिवार पर 2 लाख रुपये का खर्च होने की बात सामने आई है। इन पर्चों पर अपीलकर्ता संस्था धर्म जागरण समिति के क्षेत्रीय प्रमुख राजेश्वर सिंह का नाम है। विहिप और संघ से संबंध रखने वाले संगठन धर्म जागरण मंच की इस समिति ने क्रिसमस के मौके पर 5 हजार मुस्लिम-ईसाई परिवारों के धर्म परिवर्तन की तैयारी की है। कार्यक्रम के लिए धन जुटाने के लिए ये पर्चे उन लोगों को भेजे गए हैं, जो आर्थिक मदद कर सकते हैं। पर्चे को लेकर जब राजेश्वर सिंह से पूछा गया, तो उन्होंने कहा, हम हिन्दू धर्म में वापस आने वाले लोगों को हर साल 25 दिसंबर के दिन सम्मानित करने का काम करते हैं। इस साल भी अलीगढ़ व उप्र के अन्य शहरों में तीन हजार परिवारों को सम्मानित करेंगे।

पक्ष-विपक्ष में जमकर चले शब्दों के तीर
जब से ये सरकार आई है तब से दंगे कम हुए हैं, ये आंकड़े बता रहे हैं, लेकिन प्रचार किया जा रहा है कि दंगे बढ़ रहे हैं। -वेंकैया नायडू (संसदीय कार्य मंत्री)

आप लाख कोशिश करें, हम अपना मजहब नहीं बदलेंगे। -असदुद्दीन ओवैसी (एमआइएम)
इतिहास की अनदेखी करके हम आगे नहीं बढ़ सकते। हमें 8वीं सदी से आज तक के विदेश हमलों को देखना पड़ेगा। -राजेंद्र अग्रवाल (भाजपा)

ये सरकार लव जेहाद, मुजफ्फरनगर दंगे के षड्यंत्र करने वालों को सम्मान, पाकिस्तान भेजने को वालों को मंत्री बना रही है...। -पप्पू यादव (राजद)

भगवा पहनने से कोई स्वामी नहीं हो जाता, जबरन धर्म परिवर्तन करना गलत। -मो.सलीम (माकपा)
आगरा धर्म परिवर्तन के पीछे संघ का हाथ। -ज्योतिरादित्य सिंधिया (कांग्रेस)

ये बहस गैर जरूरी है, क्योंकि आगरा के इलाके में ये कोई मुद्दा नहीं है। - मुलायम सिंह (सपा)


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