इंदौर संभाग के हजारों शिक्षक परेशान और प्रांतीय नेतृत्व अंजान

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अरविंद रावल। इंदौर संभाग के सभी आठो जिलो के करीब सतर हजार से ज्यादा सभी सवर्ग के शिक्षक इंदौर कमिश्नर श्री संजय दुबेजी के ई अटेंडेंस के आदेश को लेकर इस समय आरपार की लड़ाई लड़ रहे हे ! किन्तु इसे शिक्षको का दुर्भाग्य कहा जाये या फिर विडंबना कहा जाये की प्रांतीयस्तर पर शिक्षको के नाम पर पचासो संग़ठन बने हुये हे और उन सभी शिक्षक हतैषी संघठनो के प्रांताध्यक्ष और उनकी प्रांतीय कार्यकारणी के सदस्य सभी शिक्षक हितेषी बाते तो मिडिया के सामने तो बड़ी बड़ी करते हे

लेकिन जमीनी स्तर पर शिक्षको के प्रांतीय नेताओ को आम शिक्षको के दर्द और परेशानियों से कोई सरोकार नहीं रहता हे ! अगर शिक्षक सवर्ग के किसी भी कभी प्रांतीय संग़ठन को या उसके प्रांतीय नेतृत्व को इंदौर संभाग के शिक्षको के दर्द से या उसकी परेशानी से जरा भी सरोकार होता तो वह माननीय मुख्यमंत्रीजी या प्रमुख सचिव से मिलकर ई अटेंडेंस के मुद्दे पर अब तक कोई सार्थक हल निकाल लेते या फिर निकालने का प्रयास करते या नहीं तो  जिले व् संभाग में शिक्षको की लड़ाई  में हिस्सा बनकर शक्ति प्रदान करते ! लेकिन इंदौर उज्जैन संभाग के हजारो सभी सवर्ग के शिक्षक इस समय शासन के तुग़लती फरमानों से जूझ रहे हे और शिक्षक सवर्ग का प्रांतीय नेतृत्व गांधारी की  तरह आँखो पर पट्टी बांधे मोन खड़ा तमाशा देख रहा हे !

इंदौर संभाग के सभी आठो जिलो के सतर हजार ज्यादा सभी सवर्ग के शिक्षक पिछले एक माह से इस समय प्रांतीय नेतृत्व के बिना शासन प्रशासन से आर पार की लड़ाई लड़ रहे हे ! न्यायालय में भी शासन प्रशासन से निडरतापूर्वक आज शिक्षक अकेला लड़ रहा हे ! जब शिक्षको को अकेले ही खुद ही अपनी लड़ाई शासन प्रशासन से लड़ना पड़े तो फिर ब्लाक से लगाकर प्रांतीयस्तर तक शिक्षक सवर्ग के नाम पर बनाये गये दर्जनो संघठनो और उनके पदाधिकारियों का क्या औचित्य हे ? यदि शासन प्रशासन से अकेले शिक्षक को ही लड़ना हे और प्रांतीय नेतृत्व को सिर्फ मुखदर्शक ही बना रहना हे तो क्यों नहीं ऐसे मूक प्रांतीय नेतृत्वकर्ताओं को अंतरात्मा  आवाज़ पर स्वतः ही अपने अपने पदो से त्यागपत्र दे देना चाहिये ? यदि ऐसे प्रांतीय नेतृत्वकर्ता इस्तीफा नहीं देते हे और न शिक्षको का सहयोग करते हे और सत्ता की लोलुपता की चाह में खुद को बनाये रखने का ख़्वाब संजोने वाले ऐसे प्रांतीय नेतृत्वकर्ताओं को स्वयं शिक्षको द्वारा ही पदो से हटाने का ऐलान कर देना चाहिए ?

हमें शिक्षक हितेषी नेता चाहिए न की सत्ता हितेषी दलाल चाहिये ! ब्लॉक से लगाकर प्रान्त तक शिक्षक सवर्ग को  निस्वार्थ बेबाक नेतृत्व चाहिये न की शासन प्रशासन की दुम्भी बजाने वाला पंगु चौकीदार चाहिये ! आज इंदौर संभाग के सतर हजार से ज्यादा सभी सवर्ग के शिक्षको ने शासन प्रशासन के तुग़लती फरमानों के खिलाफ आर पार की लड़ाई छेड़ दी हे ! निडरता से शिक्षको की इस लड़ाई को लड़ने वाले ही शिक्षक सवर्ग का नेतृत्व करे अन्यथा नहीं करे ! गुरूजी से लगाकर प्राचार्य तक इस शिक्षक सवर्ग का हिस्सा हे !  जो शिक्षक सवर्ग के हितो की बात करेगा वही अब वही शिक्षको के दिल पर राज करेगा !  मेरे यह विचार किसी भी शिक्षक सवर्ग के संग़ठन या पदाधिकारी विशेष से नहीं हे और न किसी के दिल को ठेस पहुचाना हे ! आम शिक्षको का दर्द जो देखा हे उसे ही शब्दों में बया किया हे ! फिर भी  यदि किसी को ठेस लगे तो क्षमा प्रार्थी हे !
                                                                                                                                                                  अरविन्द रावल
51 गोपाल कॉलोनी झाबुआ मप्र
मोबाईल न. 09425102421
Email -arvind.rawal69@gmail.com

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