ध्वनि प्रदूषण तो देश भर की समस्या है

राकेश दुबे@प्रतिदिन। बढ़ते ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए कोई कारगर कदम न उठाए जाने पर  जम्मू कश्मीर उच्च न्यायलय की डिवीजन बैंच ने पुलिस अधिकारियों को दो सप्ताह के अंदर कानफोडू हार्न बंद करने के जो निर्देश दिए हैं वह सराहनीय कदम है।

प्रेशर हार्न बंद करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन करवाने की मांग को लेकर एक जनहित याचिका पर यह निर्देश जारी किए गए हैं जिसमें एसएसपी जम्मू और एसएसपी ट्रैफिक को स्पष्ट तौर पर यह कहा गया है कि वह कोर्ट में पेश होकर अनुपालन रिपोर्ट के साथ अपना स्पष्टीकरण भी दें।वैसे यह सिर्फ वहां की नहीं पूरे देश की समस्या है|

बात अगर स्कूलों, अस्पतालों की करें तो जो साइलेंस जोन में आते हैं लेकिन यहां से गुजर रहे वाहन नियमों का उल्लंघन करते  हैं। इतना ही नहीं ट्रैफिक विभाग भी दोषी चालकों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाता है। वहीं धार्मिक स्थलों व सामुदायिक भवन में देर रात तक लाउड स्पीकर के इस्तेमाल पर प्रशासन ने रोक लगाई हुई है लेकिन लोग भी इसे नजरअंदाज कर आसपास रहने वाले लोगों की नींद खराब करते  हैं। कभी कभार ट्रैफिक पुलिस वाहनों में लगे प्रेशर हार्न उतारने के लिए अभियान तो चलाती है लेकिन इसका व्यापक असर सामने नहीं आ रहा है। आम लोगों के हित से जुड़े अदालत के ऐसे महत्वपूर्ण निर्देश के बावजूद अभी तक प्रेशर और इससे मिलते जुलते हार्नो का इस्तेमाल होना काफी चिंताजनक है।

मोटर वाहन अधिनियम में हालांकि प्रेशर हार्न, डबल टोन, मल्टी टोन आदि हार्न के इस्तेमाल पर पहले से ही प्रतिबंध लगा हुआ है लेकिन नियम पुस्तकों के विपरीत आचरण करना लोगों की आदत में शुमार होने के कारण ध्वनि प्रदूषण चिंताजनक स्तर तक बढ़ने लगा है। खंडपीठ ने सरकारी वाहनों में भी प्रेशर हार्न और साइरनों के इस्तेमाल पर रोक लगाई है। साइलेंस जोन से गुजरने वाले कुछ वाहन चालक अपने को कानून से ऊपर समझ कर नियमों को ठेंगा दिखाना अपना विशेषाधिकार समझते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होना आवश्यक है ताकि आम लोगों में यह संदेश जाए कि कानून सभी के लिए समान है। कमर्शियल वाहनों में प्रेशर हार्न इस्तेमाल करने के ज्यादातर मामले सामने आते हैं।

लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क  9425022703
rakeshdubeyrsa@gmail.com


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