भोपाल। नगर निगम चौक बाजार को हैरिटेज लुक में संवारेगा। इलाके को 100 से 200 साल पहले के भोपाल की परिकल्पना के अनुसार पुराना स्वरूप प्रदान किया जाएगा। जामा मस्जिद और उसके चारों ओर की सड़कों, दुकानों और अन्य इमारतों को फिर से विकसित किया जाएगा। मस्जिद के चारों तरफ डामर की सड़क के बजाय संगमरमर या कोटा के पत्थरों की सड़क बनाई जाएगी।
यह काम दो साल में पूरे होंगे। मंगलवार को आयोजित महापौर परिषद (एमआईसी) की बैठक में इन कामों को मंजूरी दे दी गई। निगम इनके लिए पांच करोड़ रुपए के टेंडर जारी करेगा। एमआईसी ने एमपी नगर और न्यू मार्केट में मल्टीलेवल पार्किंग के टेंडर को भी मंजूरी दे दी है।
महापौर कृष्णा गौर के निवास पर हुई एमआईसी की बैठक में 13 मुद्दों को पारित किया गया। अब इन्हें 25 नवंबर को होने वाली निगम परिषद की बैठक में रखा जाएगा। यहां से मंजूरी के बाद काम शुरू होगा।
फोन रिसीव नहीं करते अफसर
बैठक में एमआईसी सदस्यों ने अफसरों पर मनमानी के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अफसर उनके फोन तक रिसीव नहीं करते। उन्होंने फाइलों के निपटारे में देरी पर भी नाराजगी जताई। एमआईसी की बैठक में महापौर के सामने ही एमआईसी सदस्यों ने अफसरों पर मनमानी के आरोप लगाए। उन्होंने सीधे कमिश्नर तेजस्वी एस नायक पर निशाना साधा और कहा कि वे उनके फोन रिसीव नहीं करते हैं।
एक जैसे होंगे दुकानों के फ्रंट एलिवेशन और साइनेज
चौक बाजार और मस्जिद क्षेत्र में पाइपलाइन, टेलीफोन और बिजली के तारों को अंडरग्राउंड किया जाएगा। स्ट्रीट लाइट्स को बदलकर पुराने दौर के लैंप पोस्ट लगाए जाएंगे। सड़कों के दोनों और ड्रेनेज बनाकर सौंदर्यीकरण किया जाएगा। अभी जहां गाड़ियां पार्क होती हैं, वहां बैठने के लिए बेंच लगाई जाएंगी। दुकानों के फ्रंट एलिवेशन और साइनेज एक जैसे होंगे। जामा मस्जिद और अन्य ऐतिहासिक इमारतों का रिनोवेशन किया जाएगा, जबकि दुकानें एक समान दिखेंगी। इसके अलावा सीवेज, ड्रेनेज और पानी का डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क भी तैयार किया जाएगा।
सोनी ने लगाया पार्षद निधि में गड़बड़ी का आरोप
एमआईसी की बैठक में सदस्य कृष्ण मोहन सोनी ने पार्षद निधि में गड़बड़ी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्षद निधि की करीब ढाई लाख रुपए की राशि अफसरों ने नियमविरुद्ध खर्च कर दी। इसके लिए न तो उनकी सहमति ली गई और न ही जोन समिति की। इतना ही नहीं, यह काम उनके जोन की बजाय जोन 4 के जलकार्य से जुड़े कर्मियों ने किया।
इधर, नगर निगम के प्रभारी मुख्य अभियंता डीके भावसार का कहना है कि क्लर्क की गलती से वार्ड 18 और वार्ड 16 के पार्षदों की फाइल में वार्ड 2 का बजट-हेड चढ़ गया। दोनों पार्षदों ने भी इसकी पुष्टि की है। वार्ड 18 की पार्षद स्वाति कौशल के कहा है कि जलकार्य से जुड़ी फाइलें उनकी ही पार्षद निधि से बुक हुई थीं। कंप्यूटर आपरेटर या क्लर्क की गलती से वार्ड दो का बजट हेड चढ़ गया है। वार्ड 16 की पार्षद रजिंदर कौर ने यही बात कही है।