होशंगाबाद। इंदौर की एक कंपनी के कर्मचारियों ने महिला समूह ऋण योजना के नाम पर शहर की दर्जनों गरीब मजदूर महिलाओं को झांसा देकर उनसे 3-4 लाख रूपए वसूल लिए, लेकिन ना तो ऋण राशि का भुगतान हुआ और ना ही बीमा के कागजात मिले।
महिलाएं अब हाथों में बाउंस चेक लेकर तहसील एवं शहर कोतवाली में कंपनी के लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने के भटक रही है।
समूह बनाए, राशि वसूली हुए रफ्फूचक्कर
शहर में ऎसी कई कंपनियां सक्रिय है, जो ऋण देने के नाम पर लोगों को ठग रही है। इन्हीं में इंदौर की सांवरिया इंटरप्राइजेज कंपनी का मामला सामने आया है। बालागंज, रामगंज, ग्वालटोली की पीडित महिलाओं ने बताया कि उन्हें कंपनी के अधिकारियों ने मोहल्ले में आकर समूह बनाने को कहा। प्रति व्यक्ति 25 हजार का ऋण देने की बात कही। प्रति महिला सदस्य से फार्म भरवाकर 11 सौ रूपए वसूल लिए। इस तरह करीब पांच-छह समूहों से 3-4 लाख रूपए एकत्रित करने के बाद कंपनी के लोग भाग गए। मोबाइल भी सभी ने बंद कर लिए।
ग्वालटोली वार्ड 32 की समूह लीडर माया बाई ने बताया कि उसने 9 महिलाओं को सदस्य बनाया था। इसमें समूह से 9 हजार 900 रूपए एकत्रित कर कंपनी में जमा किए थे। कंपनी के लोगों ने समूह की ऋण राशि ढाई लाख रूपए का एक्सिस बैंक का चेक दिया, लेकिन जब चेक जमा किया गया तो वह बाउंस हो गया। वार्ड 26 जुमेराती की समूह लीडर शाहिदा बानो ने बताया कि उसके समूह की 9 महिलाओं से भी 9900 रूपए की राशि तथा वार्ड 28 कृष्णापुरी की समूह लीडर ममता शर्मा से 12 सदस्यों की 17 200 रूपए की राशि तथा वार्ड 6 बालागंज की समूह लीडर पूनम यादव से 10 सदस्यों की 11 हजार रूपए की राशि वसूली गई। जो ऋण राशि के बैंक चेक दिए वह भी बाउंस हो गए।
धोखाधड़ी की शिकायत : धोखाधड़ी की शिकार महिला समूहों ने लिखित आवेदन शहर कोतवाली में देकर सांवरिया इंटरप्राइजेज इंदौर के कंपनी अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है। महिलाओं ने उनके द्वारा जमा कराई गई राशि को भी वापस दिलाने की गुहार लगाई है।