जबलपुर। हाईकोर्ट के सीजे के नाम भेजा गया एक खत जनहित याचिका बन गया और हाईकोर्ट ने उस पर सुनवाई शुरू कर दी। अब बांधवगढ़ की वर्षों से खराब पड़ी सड़क सुधर जाएगी।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने बांधवगढ़ रोड की मरम्मत करके रिपोर्ट पेश करने कहा है। इसके लिए 15 सितम्बर तक की मोहलत दी गई है। मामले की अगली सुनवाई 22 सितम्बर को निर्धारित की गई है। मुख्य न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर व जस्टिस केके त्रिवेदी की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य शासन का पक्ष अतिरिक्त महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने रखा।
जनवरी 2015 तक हो जाएगा काम
उन्होंने जानकारी दी कि वन विभाग सहित अन्य से अपेक्षित एनओसी मिल गई है। लिहाजा, हर हाल में रोड का सुधार व निर्माण कार्य जनवरी 2015 के प्रथम सप्ताह तक पूरा कर लिया जाएगा। कोर्ट ने इस जानकारी को रिकॉर्ड पर लेकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने निर्देश दे दिया।
रमाकांत के पत्र से जुड़ा मामला
2013 में रमाकांत द्विवेदी नामक व्यक्ति ने हाईकोर्ट सीजे को एक पत्र भेजा था। जिसमें बताया गया था कि बांधवगढ़ रोड का हाल-बेहाल है। आलम यह है कि धमोखर-ताला और ताला-पानपाठा तक सड़क का नामोनिशान मिट गया है। कोर्ट ने इस पत्र की जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू कर दी।