क्रिकेट का सट्टा: लकीर पीट रही है खिसियाई इन्दौर पुलिस

भोपाल। इंदौर के हीरानगर क्षेत्र की एक कॉलोनी में सटोरिए को फर्जी नाम पते से सिम बेचने वाले ग्वालियर के रिटेलर को इंदौर की पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अब मोबाइल कंपनी को भी नोटिस देकर पूछेगी कि इतनी फर्जी सिम एक्टिवेट किस आधार पर कर दी गई। इंदौर पुलिस को एक साल से सटोरिये की तलाश है लेकिन वह हाथ नहीं आया।

इंदौर एएसपी राजेश सहाय ने बताया 19 अप्रैल 2013 को सुखलिया के जय अंबे नगर में पुलिस ने मोहनलाल व्यास के मकान पर छापा मारा था। यह मकान चार महीने पहले ग्वालियर के रिंकू पिता रमेशचंद्र जैन ने किराए पर लिया था। वह यहां पर क्रिकेट सट्टा चलाता था। वह पुलिस के आने के पहले ही भाग गया था। पुलिस को मकान में सटोरिये का पूरा एक्सचेंज मिला था।

इसमें एकसाथ 100 मोबाइल ऑपरेट हो रहे थे। पुलिस ने यहां से करीब 82 मोबाइल सिम जब्त की थी। पुलिस ने सभी की कॉल डिटेल निकाली तो पता चला सभी के नाम पते फर्जी हैं। एक भी सिम का असल मालिक पुलिस को नहीं मिला। इस पर सिम बेचने वाले रिटेलर की तलाश की गई। जांच के आधार पर शनिवार को ग्वालियर से अरुण पिता ओमप्रकाश शर्मा निवासी लक्ष्मण तलैया, ग्वालियर को गिरफ्तार किया गया।

अरुण ने ही सभी सिमें बेची थीं। पूछताछ में अरुण ने बताया उसने यह सभी मोबाइल सिम विशाल नामक युवक को दी थी। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। एएसपी ने बताया मोबाइल कंपनी को भी नोटिस देकर पूछा जा रहा है कि उन्होंने इतनी सारी सिम फर्जी नाम पते होने के बावजूद एक्टिवेट कैसे कर दी।

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