भोपाल। यह मामला मध्यप्रदेश से जुड़ा नहीं है, लेकिन संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। फिलहाल खुलासा असम में हुआ है। यहां इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के मॉक टेस्ट के दौरान मशीन में सारे के सारे वोट बीजेपी के अकाउंट में जमा हो गए।
जोरहाट संसदीय क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर और उपायुक्त विशाल वसंत सोलंकी ने बताया कि सारी मशीनों की टेस्टिंग इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के इंजिनियर कर रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन उन दो कंपनियों में शामिल है, जो ईवीएम बनाती हैं।
जोरहाट में 7 अप्रैल को वोटिंग होनी है। यहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बिजॉय कृष्ण हांडिक के खिलाफ युवा आदिवासी नेता कामाख्या तासा बीजेपी की तरफ से मैदान में हैं।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजयेंद्र ने बताया, 'जोरहाट में एक ईवीएम में गड़बड़ी मिली है। यह मशीन खराब है। जब सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों के सामने ईवीएम की जांच की जा रही थी तो मशीन की गड़बड़ी सामने आई।' उन्होंने कहा कि इस ईवीएम को किसी भी पोलिंग बूथ पर नहीं भेजा जाएगा।
रिटर्निंग ऑफिसर ने बताया, 'ये ईवीएम यहां लंबे समय से रखी हुई थी। सामान्य तौर पर ईवीएम उपायुक्त की निगरानी में जमा रहती हैं और चुनाव के समय स्ट्रॉन्ग रूम में रखी जाती हैं।'
कुल मिलाकर ईवीएम में एक तकनीकी खामी सामने आ गई है। ये एक इत्तेफाक भी हो सकता है या कोई साजिश भी। चुनाव सर पर हैं अत: सतर्कता जरूरी है और देश के किसी भी हिस्से में ऐसी किसी भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। देखना रोचक होगा कि क्या मध्यप्रदेश में इस संदर्भ में पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे या फिर असम की तरह किसी खामी का खुलासा होने के बाद उठापटक होगी।