भोपाल। पुलिस आरक्षक भर्ती घोटाले में फरार कांग्रेस नेता संजीव सक्सेना का परिवार भी एक अन्य फर्जीवाड़े में जांच की जद में आ गया है। मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में सन 2005 में हुई भर्तियों की धांधली में संजीव की पत्नी और बहन की नियुक्तियों की भी जांच होगी।
इन दोनों समेत पांच फैकल्टी मेंबर की नियुक्ति की पड़ताल होगी। बाकी 62 लोगों को क्लीन चिट दे दी गई है। शुक्रवार को बीओजी बैठक में इन नियुक्तियों की नए सिरे से जांच को मंजूरी मिल गई है। रिटायर्ड हाईकोर्ट जज की अध्यक्षता में तीन सदस्य इसकी जांच करेंगे।
बीओजी सदस्य पीटी देव और सीनेट सदस्य गीता अग्निहोत्री इसमें शामिल रहेंगे। मैनिट डायरेक्टर डॉ. अप्पू कुट्टन के मुताबिक अर्चना सक्सेना, अरूणा सक्सेना, अभय शर्मा, ललित गुप्ता व एक अन्य फैकल्टी मेंबर की नियुक्ति की जांच होगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से इस संबंध में कार्रवाई को लेकर लगातार पूछताछ के बाद मैनिट ने यह निर्णय लिया है।
पत्नी प्लेसमेंट ऑफिसर
कांग्रेस नेता संजीव सक्सेना की पत्नी अरूणा सक्सेना मैनिट में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर हैं, जबकि बहन अर्चना सक्सेना असिस्टेंट लाइब्रेरियन हैं। साल 2013 में अर्चना पर एक सहकर्मी को मानसिक रूप से प्रताडित करने और धौंस दिखाने का आरोप लग चुका है।
मौजूदा फैकल्टी को रियायत नहीं
नए नियमों के तहत होने वाली भर्ती में मैनिट की वर्तमान फैकल्टी को कोई लाभ नहीं दिया जाएगा। बीओजी की बैठक में भर्ती में मौजूदा फैकल्टी को 25 नंबर अतिरिक्त देने का प्रस्ताव खारिज हो गया है। एमएचआरडी की ओर से जारी टियर 4 नियमों के तहत ही भर्ती होगी।