राज्यपाल के हाथों पुरस्कृत हुए पत्रकार

भोपाल। राज्यपाल राम नरेश यादव ने कहा कि आजादी की लड़ाई में तमाम नायक पत्रकारिता से जुड़े थे। पत्रकारिता की सार्थकता इसी में है कि वह समाज का उचित मार्गदर्शन करे। मीडिया में सभी पक्ष आएं, लेकिन इसमें किसी विचारधारा का आधिपत्य नहीं होना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि युवा पत्रकार देश को एक नई सोच और दिशा देने का प्रयास करें। राज्यपाल रविवार को माधवराव सप्रे स्मृति पत्रकारिता एवं शोध संस्थान के 30वें वार्षिक समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर सामाजिक सरोकारों से जुड़ी पत्रकारिता के लिए पीपुल्स समाचार के संवाददाता अनिल सिरवैयां को आरोग्य सुधा पुरस्कार और स्व. संतोष कुमार शुक्ल लोक संप्रेषण पुरस्कार से जनसंपर्क विभाग के अपर आयुक्त लाजपत आहूजा को सम्मानित किया। 

उन्होंने 13 अन्य पत्रकारों और पत्रकारिता से जुड़े समाज सेवियों का सम्मान भी किया। राज्यपाल ने आगे कहा कि समाचार-पत्र और पत्रिकाओं की इबारत में स्वतंत्रता-संग्राम, की समूची गाथा सुरक्षित है। अध्यक्षता साहित्य मनीषी प्रो. रमेशचन्द्र शाह ने की। सप्रे संग्रहालय के संस्थापक विजयदत्त श्रीधर ने संग्रहालय की जानकारी दी।

इन्हें मिले पुरस्कार
राजेन्द्र नूतन पुरस्कार से भगवान उपाध्याय, युगल किशोर शुक्ल पुरस्कार प्रो. कमल दीक्षित और अरविंद शीले, माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार से अरूण चौहान, जगदीश प्रसाद चतुर्वेदी पुरस्कार से राजेश चतुर्वेदी और चन्द्रवेश पांडे, झाबरमल्ल शर्मा पुरस्कार से ओम प्रकाश गौड़, रामेश्वर गुरु पुरस्कार से डॉ. विद्युलता और खुशबू जोशी, केपी नारायणन पुरस्कार से अनूप दत्त, यशवंत अरगरे पुरस्कार से राजेश गाबा, होमई व्यारावाला पुरस्कार से नवल जायसवाल और मुजीब फारूकी को सम्मानित किया।

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