नीमच। मतदान के चार दिन शेष रहे है और भाजपा उम्मीदवार के बारे मे भोपाल से प्रकाशित एक पत्रिका ने भाजपा उम्मीदवार सुधीर गुप्ता के बारे मे सनसनी रिपोर्ट प्रकाशित की जिसके कुछ अंश इस प्रकार-मंदसौर निर्वाचन क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के टिकट के लिए धनबल का जोर चला और रघुनंदन शर्मा जैसे काबिल और जिताऊ उम्मीदवार को दरकिनार करके भारतीय जनता पार्टी ने सुधीर गुप्ता जैसे नौसिखिए, सूदखोर के रूप में बदनाम तथा नेताओं-कार्यकर्ताओं और आम जनता के बीच दागी छवि रखने वाले एक फिसड्डी शख्स को पार्टी की उम्मीदवारी दे दी।
टिकट देने के इस फैसले में रतलाम से भाजपा विधायक और प्रदेश पार्टी कोषाध्यक्ष चेतन कश्यप ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं कांग्रेस, जो रघुनंदन शर्मा के सामने चारों खाने चित नजर आ रही थी, नए दम-खम के साथ चुनाव मैदान में डट गई है।
कांग्रेस ने इस सीट से वर्तमान सांसद मीनाक्षी नटराजन पर फिर भरोसा किया है। वही आम अदमी पार्टी के पारस सकलेचा, बहुजन समाज पार्टी के माॅगीलाल, ब मुक्ति पार्टी के राधेश्याम गेहलोत सहित 14 उम्मीदवार मैदान मे है। अपरिपक्व नेता सुधीर गुप्ता को मंदसौर निर्वाचन क्षेत्र में मुट्ठी भर लोग भी सही ढंग से नहीं जानते हैं, उन्हें रघुनंदन शर्मा जैसे अनुभवी, परिश्रमी तथा पार्टी के प्रति निष्ठावान नेता की जगह लोकसभा उम्मीदवार के रूप में उतारा गया है।
भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ता के अनुसार अपरिपक्व नेता सुधीर गुप्ता सूद (ब्याज) कमाने के लिए गैरों पर तो दूर, अपनों पर भी रहम नहीं करते हैं। ब्याज पर दी गई करोड़ों रुपए की यह रकम सुधीर गुप्ता ने अपनी काली कमाई के बल पर हासिल की है। चंद दिन पहले तक भाजपा के तयशुदा उम्मीदवार माने जा रहे रघुनंदन शर्मा को हाशिए पर ला खड़ा किया है।
राजनीतिक हलकों में यह बात दावे के साथ कही जा रही है कि टिकट के लिए हुई इस सौदेबाजी को भाजपा विधायक तथा प्रदेश कोषाध्यक्ष चेतन कश्यप ने अंजाम तक पहुंचाया है। धनाढय उद्योगपति तथा भाजपा के शीर्ष नेताओं से मधुर संबंध रखने वाले वाले चेतन कश्यप ने धनबल का दांव इसलिए खेला,क्योंकि उन्हें तमाम कोशिशों के बावजूद लोकसभा का टिकट नही मिला है।
चेतन कश्यप को यह बात अच्छी तरह पता थी कि अगर रघुनंदन शर्मा भाजपा प्रत्याशी की बतौर खड़े होते हैं तो उनका जीतना सुनिश्चित है और यदि ऐसा हुआ तो चेतन कश्यप के राजनीतिक वर्चस्व का किला ढह सकता था। चेतन कश्यप ने ही सुधीर गुप्ता की टिकट सेट कराई मोदी को प्रधानमंत्री बनाने में जुटी भाजपा के लिए यह संकेत शुभ नहीं हैं कि मध्यप्रदेश में टिकट की खरीद-फरोख्त के चलते पार्टी को जिस जगह अपनी जीत सुनिश्चित नजर आ रही है, वहां उसने सुधीर गुप्ता के रूप में एक ऐसे उम्मीदवार को खड़ा कर दिया है जिसका न कोई राजनीतिक इतिहास रहा है और न ही उसे स्थानीय मतदाता नेता के रूप में जानते हैं।
भाजपा के लिए इससे भी अधिक शर्मनाक बात यह है कि लोकसभा चुनावों के लिए वह जिन बड़े नेताओं पर भरोसा करती है, वे गुपचुप ढंग से पार्टी की संभावनाओं में पलीता लगा रहे हैं। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि विधायक तथा प्रदेश कोषाध्यक्ष चेतन कश्यप ने ही सुधीर गुप्ता की टिकट सेट कराई और टिकट फाइनल कराने का काम भाजपा के वरिष्ठ नेता अनंत कुमार तथा प्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी की पहल पर अंजाम तक पहुंचा।
कश्यप के कहने पर भाजपा के जिलाध्यक्ष बने सुधीर विडंबना ही कहा जाएगा कि रघुनंदन शर्मा जैसे अनुभवी, सुयोग्य तथा पाक-साफ छवि रखने वाले उम्मीदवार को नकारकर भाजपा ने सुधीर गुप्ता जैसे एक ऐसे भ्रष्ट छवि के व्यक्ति को चुनाव मैदान में उतारा है, जिसे लोग एक महालालची सूदखोर और घोटालेबाज के रूप में जानते हैं। सुधीर गुप्ता को लेकर यह नारा भी मशहूर है कि गली-गली में शोर है, सुधीर गुप्ता सूदखोर है। झूठ बोलने का सुधीर को इस कदर शौक है कि लोग इन्हें झूठ बोलने की मशीन बताते नहीं थकते हैं।
राजनीतिक तौर पर भी सुधीर गुप्ता का कोई वजूद नजर नहीं आता है। धनाढय उद्योगपति चेतन कश्यप के कहने पर करीब डेढ़ साल पहले भाजपा का जिलाध्यक्ष बनाए गए इस शख्स को चार-पांच साल पहले भाजपा में कोई जानता भी नहीं था। लोग भाजपा द्वारा उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने से इसलिए भी नाराज हैं, क्योंकि सुधीर गुप्ता का न तो चालचलन ठीक है, न आदतें।
अपनी सूदखोरी का धंधा फैलाए सुधीर गुप्ता न सिर्फ खुद काली कमाई करता है, बल्कि अपने कुछ तथाकथित शुभचिंतक नेताओं-पदाधिकारियों का काला धन सफेद करने का काम भी बरसों-बरस जारी है। कभी कोआपरेटिव में एक साधारण सी नौकरी करने वाले के पास इतना पैसा कैसे आ गया है।
जगह-जगह विरोध, पुतले जलाए गए रघुनंदन शर्मा का टिकट काटकर सुधीर गुप्ता को मंदसौर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से प्रत्याशी बनाने के आला नेताओं के फैसले से संपूर्ण संसदीय क्षेत्र में बगावत की स्थिति देखी जा रही है। नीमच के ग्राम झीरन में पुतला जलाकर भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध प्रदर्शित किया। विरोध प्रदर्शनों के दौरान सुधीर गुप्ता को टिकट देने के फैसले को लेकर यह नारे लगाए जा रहे हैं कि भाजपा मौन है, सुधीर गुप्ता कौन है? भाजपा द्वारा सुधीर गुप्ता को टिकट देने का विरोध रहे हैं।