भाजपा के लिए काम कर रहे हैं गंजबासौदा के एसडीएम: कांग्रेस का आरोप

भोपाल। प्रदेष कांग्रेस प्रवक्ता जे.पी. धनोपिया ने आज मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जयदीप गोविंद को विदिशा जिले के गंजबासौदा के एसडीएम ओपी श्रीवास्तव के विरूद्व एक गंभीर शिकायत सौंपी है।

कांग्रेस का आरोप है कि कार्यपालिक दंडाधिकारी के रूप में पदस्थ इस अधिकारी ने चुनाव-प्रक्रिया की निष्पक्षता को विदिशा संसदीय क्षेत्र की भाजपा प्रत्याशी श्रीमती सुषमा स्वराज को ‘‘राष्ट्रीय स्तर की नेता’’ के रूप में उच्च प्राथमिकता देकर कांगे्रस सहित अन्य दलांे के प्रत्याशियों के निर्वाचन से संबंधित मूलभूत अधिकारों को नकार कर चुनाव प्रक्रिया को मजाक बना डाला है।
 
कांगे्रस ने चुनाव आयोग को सूचित किया है कि यह अधिकारी भाजपा प्रत्याशी सुषमा स्वराज और मुख्य मंत्री शिवराजसिंह के भारी दबाव में ‘‘उनकी इच्छानुसार’’ काम कर रहा है। फलस्वरूप उसकी नजर में संसदीय क्षेत्र के अन्य प्रत्याशियों की कोई हैसियत नहीं रह गई है। गंजबासौदा जैसी प्रशासन की स्वेच्छाचारिता प्रदेश में पहली बार देखने को मिली है। श्री धनोपिया ने एसडीएम ओपी श्रीवास्तव को तत्काल विदिशा संसदीय क्षेत्र से हटाने की मांग की है।

कांगे्रस की इस शिकायत में एसडीएम की मनमानीपूर्ण असंवैधानिक कार्यवाही का ब्यौरा देते हुए कहा गया है कि गंजबासौदा क्षेत्र से कांगे्रस विधायक द्वारा गंजबासौदा के वार्ड क्र. 8 में कांगे्रस पार्टी का प्रचार करने के उद्देश्य से तहसीलदार एवं  कार्यपालिक दण्डाधिकारी से 19 अप्रैल को सभा करने की अनुमति मांगी गई थी। कांगे्रस के आवेदन को अधिकारी द्वारा इस आधार पर निरस्त कर दिया गया कि ‘‘राष्ट्रीय स्तर की नेता’’ श्रीमती सुषमा स्वराज, जो कि विदिशा संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी हैं, की सभाएं आयोजित होना हैं और उनके लिए पुलिस बल लगाना है।

गंजबासौदा के कांगे्रस विधायक द्वारा पुनः 20 अप्रैल को सायं 8 बजे से 9 बजे तक के लिए सभा करने की अनुमति मांगी गई थी, उस बाबत आवेदन को भी निरस्त कर दिया गया। साफ है कि गंजबासौदा में पदस्थ एसडीएम ओ.पी. श्रीवास्तव द्वारा भाजपा के पक्ष में कार्य करते हुए कांगे्रस पार्टी को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए संबंधित कांगे्रस विधायक को सभा करने की अनुमति न देकर एसडीएम ने अवैध कृत्य किया है।

कांगे्रस प्रवक्ता ने कहा है कि प्रशासन और चुनाव तंत्र के सामने सभी प्रत्याशी समान होते हैं। कोई भी उम्मीदवार ‘‘राष्ट्रीय अथवा प्रांतीय नेता’’ के रूप में चुनाव नहीं लड़ता। चुनाव क्षेत्र के संदर्भ में वह केवल प्रत्याशी होता है, उससे अधिक कुछ नहीं। एसडीएम द्वारा सुषमा स्वराज को ‘‘राष्ट्रीय नेता’’ के रूप में अन्य प्रत्याशियों के ऊपर स्थान दिया जाना निर्वाचन अधिनियम की मंशा के सर्वथा विपरीत है। एसडीएम ने कांगे्रस को चुनाव प्रचार से वंचित कर गंभीर अपराध किया है।

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