आरटीआई: मांगा दो करोड़ कागजों का रिकार्ड, नगरनिगम में हड़कंप

भोपाल। नगर निगम संपत्ति कर शाखा, वार्ड ऑफिस, वित्त शाखा समेत अन्य शाखाओं के सभी दस्तावेजों को खंगाल रहा है। यही नहीं इस काम में कर्मचारियों को सभी दस्तावेजों की सूची बनाकर उनके पेज भी गिनना पड़ रहा है।
यह कवायद इसलिए हो रही है क्योंकि जहांगीराबाद निवासी विजय विश्वकर्मा ने नगर निगम से सूचना के अधिकार (आरटीआई)कानून के तहत दो करोड़ से ज्यादा पेजों के दस्तावेज मांगे हैं। इसमें निगम के प्रॉपर्टी टैक्स, जलदर, कैशबुक, बैंक स्टेटमेंट, चेकबुक समेत हर शाखा के रिकॉर्ड की नस्ती की फोटोकॉपी देने की अपील की गई है।

सूचना का अधिकार कानून लागू होने के बाद यह पहला मामला है जब आरटीआई आवेदनकर्ता द्वारा इतनी बड़ी संख्या में दस्तावेजों की फोटोकापी ली जा रही है। इसके लिए उसे करीब पांच करोड़ रुपए की राशि निगम को चुकानी होगी। हालांकि आवेदनकर्ता द्वारा गरीबी रेखा से नीचे(बीपीएल) कार्ड धारी होने का हवाला देकर सूचना मुफ्त में मांगी जा रही है।

सबसे दिलचस्प बात यह है कि हर शाखा का अधिकारी इस मामले में अलग-अलग जवाब दे रहा है, तो कुछ जानकारी का आकार बड़ा होने के कारण इसे देने से मना कर दिया है तो कुछ ने वरिष्ठ अफसरों से मार्गदर्शन मांगा है।

उधर, आरटीआई आवेदक विश्वकर्मा ने आरोप लगाया है कि निगम जानकारी देने में गुमराह कर रहा है। अब वह तय समय सीमा खत्म होने के कारण अपीलीय अधिकारी और निगम आयुक्त विशेष गढ़पाले को जानकारी देने के लिए अपील करेंगे। निगम के अपर आयुक्त जीपी माली का कहना है कि राज्य शासन के नियमानुसार बीपीएल कार्डधारी को 50 पेज से ज्यादा लेने पर फोटोकॉपी का चार्ज देना होगा। आवेदक यह राशि जमा कर देगा तो जानकारी दे दी जाएगी।


#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!