लाल कृष्ण आडवाणी जी गांधीनगर गुजरात से पुनः चुनाव लड़ रहे हैं , मैंने केपी क्रमांक १४७ चुना है।
जीत के लिए नियम : यदि छठे भाव का उपनक्षत्र स्वामी ६,१०,११ में से किसी का कार्येष गृह है तो व्यक्ति जीत सकता है अन्यथा यदि वह गृह ४,५,१२ का कार्येष है तो वह हार जाता है. यदि वह दोनों प्रकार के भावों को सामान रूप से दर्शाता है तो महादशा अंतर और प्रत्यंतर स्वामी किन भाव के कार्येष हैं ये देखना चहिये
लग्न के उपनक्षत्र स्वामी मंगल है जो लाभ में स्थित है . यह गुरु के उपनक्षत्र में अष्टम भाव में है
छठे भाव का उपनक्षत्र स्वामी मंगल लाभ में है . यह गुरु के उपनक्षत्र में है को अष्टम में है.
दशम भाव के उपनक्षत्र स्वामी चंद्रमा हैं सप्तम भाव में और बुध के उपनक्षत्र में है जो चतुर्थ में है
एकादश भाव के उपनक्षत्र स्वामी बुध सूर्य के उपनक्षत्र में चतुर्थ भाव में है.
इस समय में चंद्रमा सप्तम भाव में है और बुध के उपनक्षत्र में है जो चतुर्थ भाव में है.
निष्कर्ष : इनकी विजय होगी किन्तु अन्तर काफी कम रह सकता है।