भोपाल। चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश के तीन जिलों के कलेक्टरों को हटा दिया है। तीनों कांग्रेस के निशाने पर थे और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने उनकी खुली शिकायत की थी। कांग्रेस ने तीनों कलेक्टरों को भाजपा के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया था।
हाल ही में मप्र के दौरे पर आए चुनाव आयुक्त से भेंट करते हुए कांग्रेस के प्रतिनिधिमण्डल ने इस संबंध में कुछ प्रमाण भी आयोग को सौंपे थे। चुनाव आयोग ने राज्य सरकार से कहा है कि हटाए गए तीनों अधिकारियों की नई पदस्थापना 4 अप्रैल तक कर दी जाए।
क्यों हटाया गया
जयश्री कियावत (झाबुआ) : प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से शिकायत की गई थी कि कियावत भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रही हैं। कथित तौर पर झाबुआ के जिला भाजपा कार्यालय में पहुंचकर नृत्य करने का प्रमाण भी आयोग को दिया गया।
राजीव दुबे (रतलाम) : कांतिलाल भूरिया ने दुबे की शिकायत की थी। पूर्व में भूरिया साहित सांसद मीनाक्षी नटराजन और प्रेमचंद्र गुड्डू का विवाद दुबे से हो चुका है। तब से ही भूरिया और दुबे के बीच तनातनी चल रही थी।
नीरज दुबे (खंडवा) : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने दुबे की शिकायत की थी। अरुण ने दुबे को भाजपा का एजेंट तक बताया था। पिछले दिनों कलेक्टर के निर्देश पर ही अरुण के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला भी दर्ज किया था।