शिवराज के नाम नया रिकार्ड: 27 दिन में 150 से ज्यादा आमसभाएं

shailendra gupta
भोपाल। बचपन से ही भाषण देने के शौकीन शिवराज सिंह चौहान की यह कला लोगों को किस हद तक प्रभावित करेगी और उनकी मांग कितनी बढ़ जाऐगी इसकी कल्पना तो शायद खुद शिवराज सिंह चौहान ने भी नहीं की होगी।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मिशन-29 के अंतर्गत तपती धूप में भूख-प्यास और स्वास्थ्य की चिंता किये बगैर 150 से ज्यादा आम सभायें ली और भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में धुंआधार प्रचार किया। श्री शिवराज सिंह चौहान की सभाओं और उनके तर्कपूर्ण भाषणों से भारतीय जनता पार्टी के हर उम्मीदवार का आत्मविश्वास कई गुना बड़ा और प्रचार अभियान को भी तेजी मिली।

श्री शिवराज सिंह चौहान ने 27 दिनों तक प्रतिदिन औसतन 10 घंटे लगातार अपना संवाद अभियान जारी रखा। उन्होंने सबसे ज्यादा 17 सभायें विदिशा लोकसभा क्षेत्र में की। इसके बाद 10 सभायें छिंदवाड़ा, 8 ग्वालियर और गुना में 7 सभायें ली। सागर, उज्जैन, खण्डवा, मंडला और देवास में प्रत्येक में 6 सभायें ली। चुनाव प्रचार का अभियान 27 मार्च से शुरू हुआ था जो 22 अप्रैल तक चला।

श्री चौहान ने निजी हेलीकॉप्टर और कार से पूरे प्रदेश का दौरा किया। चुनाव प्रचार में कई अवसर ऐसे भी आये जब उन्हें हेलीकॉप्टर और कार में ही नाश्ता और भोजन करना पड़ा। उनकी सभाओं में भारी जनसमुदाय उमड़ पड़ा था। मातायें-बहनें, बुजुर्ग और युवा बड़ी सख्या में उनका ओजस्वी भाषण सुनने के लिये उत्साहित देखे गये। मौसम के कारण खण्डवा लोकसभा क्षेत्र के छहगांव माखन नहीं पहुंच पाने के कारण उन्होंने मोबाइल से ही सभा को संबोधित किया।

जबर्दस्त डिमांड थी शिवराज की

लोकसभा चुनावों में शिवराज सिंह चौहान देश के दूसरे सबसे लोकप्रिय स्टार प्रचारक साबित हुए। मध्यप्रदेश सहित पूरे देश में शिवराज सिंह चौहान की जबर्दस्त डिमांड थी। नरेन्द्र मोदी के बाद विकल्प के रूप में ज्यादातर प्रत्याशियों ने शिवराज सिंह चौहान को ही चुना, जबकि मध्यप्रदेश में तो कई प्रत्याशियों ने मोदी की तुलना में शिवराज सिंह को प्राथमिकता दी। गुना लोकसभा सीट से जयभान सिंह पवैया तो चुनाव लड़ने के लिए ही तब तैयार हुए जब उन्हें आश्वस्त कर दिया गया कि उनकी लोकसभा में 1 आमसभा मोदी की और कम से कम 6 आमसभाएं शिवराज सिंह चौहान की होंगी।

बचपन से ही भाषण देने के शौकीन रहे हैं शिवराज सिंह

शिवराज सिंह के फेंस में भी बहुत कम लोग जानते होंगे कि शिवराज सिंह चौहान को बचपन से ही भाषण देने का शौक रहा है। जब वो स्कूल स्टूडेंट थे तो आते जाते और खेलते वक्त अक्सर गांव के किनारे परचून की दुकान के पास जाकर नमक के कट्टों पर खड़े हो जाते और भाषण दिया करते थे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और फिर आरएसएस के कई आयोजनों में शिवराज सिंह चौहान को बतौर वक्ता आमंत्रित किया जाता था और जब वो सांसद हुआ करते थे तो संगठन की दृष्टि से पूरे देश में उनके बौद्धिक आयोजित किए जाते थे। शिवराज सिंह चौहान के परिजन बताते हैं कि भाषण देने के लिए शिवराज सिंह चौहान कई बार सुबह बिना खाए पिए ही घर से निकल जाते थे ताकि कार्यक्रम स्थल पर समय से पहले पहुंच सके।
 

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