भोपाल। करीब 10 दिन चले ड्रामे के बाद अंतत: कांग्रेस विधायक संजय पाठक भाजपा में जमा हो गए। इससे पहले शनिवार को उन्होंने खुद को खानदानी कांग्रेसी बताया था। रविवार को अचानक जन्मो के रिश्ते टूट गए।
अपने तमाम पदों से इस्तीफा देने के बाद शनिवार को अचानक संजय पाठक पीसीसी में दिखाई दिए। उन्होंने भी मीडिया को खुलकर बाइट दीं, लेकिन यह भी कहा कि मैरे तो डीएनए में कांग्रेस है। इसके बाद बताया जा रहा है कि रविवार को कटनी में संजय पाठक की मुलाकात भाजपा के संगठन मंत्री अरविंद मेनन से हुई।
पाठक सोमवार की सुबह सवा 9 बजे राजधानी में भाजपा दफ्तर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में भाजपा की सदस्यता लेंगे। मुख्यमंत्री औरमेनन रविवार को शहडोल में चुनावी सभा में थे। शहडोल में मुख्यमंत्री और संगठन मंत्री ने पाठक को पार्टी में लाने का अंतिम निर्णय लिया गया।
चर्चा में मेनन का कटनी पहुंचना
कांग्रेस के इस अरबपति नेता को राजी कर पार्टी में शामिल कराने संगठन मंत्री मेनन खुद कटनी पहुंचना राजनीतिक गलियारों में चर्चा में रहा। खबर है कि पाठक खुद असमंजस में थे लेकिन भाजपा के दो नेता उनसे लगातार संपर्क कर रहे थे। उन्हें को राजी करने की जवाबदारी मेनन ने ली।
बगावत की वजह
पाठक खजुराहो संसदीय सीट से राजा पटेरिया को कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जाने नाराज थे। उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा अन्य नेताओं से भी मुलाकात की लेकिन बात नहीं बनी। उन्होंने कांग्रेस के महासचिव पद से इस्तीफा दिया और फिर विधायकी से इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा। वे कटनी जिले के विजयराघवगढ़ विस क्षेत्र से दो बार के विधायक हैं।
अब तक चार बड़े झटके
विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक भाजपा चार सांसद-विधायक सहित चार कांग्रेसियों को अपने पाले में ला चुकी है। सबसे पहले चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी, फिर सांसद रावउदय प्रताप सिंह, हाल ही में भिंड से कांग्रेस प्रत्याशी भागीरथ प्रसाद और अब संजय पाठक।