चुनावी बुखार सारे देश में फ़ैल चूका है, हर दल अपना हर संभव प्रयास कर रहा है जिससे वह अपनी सीट बचा सके। मैंने भी कृष्णामूर्ति पद्धति द्वारा यह जानने का प्रयास करा है की कौन सा प्रत्याशी जीतेगा और कौन हारेगा। इन्होने हाल ही में कांग्रेस का त्याग कर भाजापा को अपना लिया है और आइये देखते हैं कुंडली इनके विषय में क्या कहती है:
जीत के लिए नियम: यदि छठे भाव का उपनक्ष्त्र स्वामी 6,10,11 में से किसी का कार्येष गृह है तो व्यक्ति जीत सकता है अन्यथा यदि वह गृह 4,5,12 का कार्येष है तो वह हार जाता है. यदि वह दोनों प्रकार के भावों को सामान रूप से दर्शाता है तो महादशा अंतर और प्रत्यंतर स्वामी किन भाव के कार्येष हैं ये देखना चहिये।
छठे भाव का उपनक्षत्र स्वामी मंगल चौथे भाव में है और केतु के उपनक्षत्र में है.
दशम का उपनक्षत्र स्वामी शनि है जो सूर्य के उपनक्षत्र में है. सूर्य नवें भाव में है.
एकादश भाव का उपनक्षत्र स्वामी शुक्र है जो अष्टम भाव में है . लग्नेश बुध भी अष्टम में ही है .चन्द्रमा इस समय शुक्र के उपनक्षत्र मैं है जो की अष्टम भाव में है।
22-8-2015 तक शुक्र की ही महादशा और अन्तर चलेगा जो अष्टम भाव में बैठा है . यह गुरु के उपनक्ष्त्र में है जो लग्न में द्विस्वभाव राशी में है.
निष्कर्ष : इनकी रिकॉर्ड मतों से हार सुनिश्चित है.
उपाय : इनको अगर विजयश्री की इच्छा है तो इनको वृहद् स्तर पर माँ भगवती का भंडारा और दुर्गा कवच का अखंड जाप करना चहिये मतदान तिथि तक.
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ज्योतिषाचार्य रमन पिछले 10 वर्षों से ज्योतिष द्वारा जन साधारण की समस्याओं को सुलझाने का काम कर रहे हैं। वे मूलत: कंप्यूटर इंजिनियर हैं। श्री रमन बहुत समय से भारत की सबसे प्रसिद्द ज्योतिष वेब साईट www.astrosage.com, www.astrocamp.com पर अपनी सेवा अपलब्ध करा रहे हैं। इनके संपर्क में आने वाले अधिकतर लोग अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, मुंबई, दिल्ली और दक्षिण भारत के होते हैं।
श्री रमन का ध्येय आपको आपकी समस्याओं के सही स्पष्ट और तार्किक निराकरण बताना है न की ग्रहों और नक्षत्रों द्वारा डराना जैसा की आज के युग में बहुत आम हो गया है।
ज्योतिषाचार्य श्री रमन यथार्थ ज्योतिषीय उपायों का सुझाव देते हैं।
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