तो ये था दिग्विजय सिंह के कोडवर्ड का अर्थ

भोपाल। मध्यप्रदेश के पहले शॉपिंग मॉल के निर्माण में कथित अनियमितताओं के बहुचर्चित मामले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह समेत तीन लोगों को सीबीआई की ‘क्लीन चिट’ मिल गयी है।

विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम: डीएन मिश्र की अदालत में संबंधित पक्षों के सामने आज उस सीलबंद लिफाफे को खोला गया, जिसमें सीबीआई ने मामले की अंतिम स्थिति रिपोर्ट पेश की थी। सीबीआई ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के आदेश पर इस मामले की जांच की।  
   
सीबीआई की 28 पन्नों की रिपोर्ट के अनुसार इंंदौर के पॉश इलाके एमजी रोड पर शॉपिंग मॉल ‘ट्रैजर आइलैंड’ के निर्माण के प्रस्ताव को हरी झंडी देने के लिये सरकारी कोड वर्ड एक्स 299 का इस्तेमाल करके कोई सकारात्मक निर्देश नहीं दिया गया और इस संबंध में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, तत्कालीन मुख्य सचिव एवी सिंह और तत्कालीन आवास व पर्यावरण मंत्री चौधरी राकेश सिंह की कोई भूमिका सामने नहीं आती।

मामले के शिकायतकर्ता महेश गर्ग का आरोप है कि यह कोड वर्ड इंदौर में शॉपिंग मॉल के निर्माण के सिलसिले में 11 सितंबर 2002 को पेश प्रस्ताव पर कार्यवाही करते हुए दिग्विजय के इशारे पर दर्ज किया गया था। गर्ग के मुताबिक इस कोड वर्ड का मतलब था कि शॉपिंग मॉल के निर्माण के प्रस्ताव पर प्राथमिकता के आधार पर ‘सकारात्मक कार्यवाही’ की जाये। बहरहाल, सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘मामले की विस्तृत जांच से स्थापित होता है कि शॉपिंग मॉल के निर्माण के लिये: जमीन के उपयोग को परिवर्तित करने के प्रस्ताव पर कोड वर्ड एक्स 299 अंकित करके मुख्यमंत्री कार्यालय से कोई सकारात्मक निर्देश नहीं दिया गया था। यह कोड वर्ड मामले की प्रगति पर निगाह रखने का उपाय मात्र था।’

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