भोपाल। प्रदेश में ओलावृष्टि के बाद केंद्र सरकार के खिलाफ 6 मार्च को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके मंत्रियों के उपवास के दौरान चंदा एकत्रित करने के मामले में चुनाव आयोग ने राज्य सरकार से चार बिंदुओं में जवाब मांगा है। चुनाव आयोग ने इस संबंध में प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पत्र भेजा है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने राज्य के मुख्य सचिव अंटोनी डिसा, प्रमुख सचिव गृह, कमिश्नर भोपाल तथा कलेक्टर भोपाल से चुनाव आयोग के पत्र का हवाला देते हुए जवाब मांगा है।
उल्लेखनीय है कि 4 मार्च को प्रदेश में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई थी। मुख्यमंत्री चौहान ने राजधानी में अपने मंत्रिमण्डल के सदस्यों और भाजपा नेताओं के साथ केंद्र सरकार के खिलाफ एक दिन का उपवास रखा था। इसी दिन मुख्यमंत्री ने प्रदेश भाजपा की ओर से मप्र बंद का आह्वान भी किया था। उपवास स्थल पर किसानों की मदद के नाम पर करीब साढ़े छह करोड़ रुपए का चंदा एकत्रित हुआ था। कांग्रेस ने आचार संहिता के बीच चंदा लिए जाने पर आपत्ति जताते हुए आयोग से शिकायत की थी। शिकायत के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जयदीप गोविंद ने कलेक्टर भोपाल से मामले पर रिपोर्ट मांगी थी जिसमें आचार संहिता उल्लंघन की पुष्टि हुई थी। इस मामले में अगली कार्रवाई नई दिल्ली से आयोग के स्तर पर होनी थी।
इन चार बिंदुओं पर मांगा जवाब
इस मामले में अगली कार्रवाई के लिए आयोग ने चार बिंदुओं में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। आयोग ने पूछा है कि उपवास स्थल पर एकत्रित किया गया चंदा क्या किसी खाते में जमा किया गया है। खाते और राशि की जानकारी आयोग ने मांगी है। उपवास के लिए कलेक्टर द्वारा दी गई अनुमति का किस तरह उल्लंघन हुआ है। आचार संहिता के उल्लंघन का स्वरूप किया है। आयोग यह भी पूछा है कि राज्य की सरकारी मशीनरी किस तरह से इस उपवासधरना में शामिल रही।